रविवार, 27 मार्च 2011

वज़न:गफ़लत और हक़ीक़त

वजन कम करना हर किसी की चाहत होती है। ऐसे में जब टीवी या अखबार में वजन कम करने वाली दवाओं के ऐड दिखते हैं, तो लोग उनका इस्तेमाल करके तुरंत पतला होने के ख्वाब देखने लगते हैं। जबकि सचाई यह है कि ये दवाएं फायदा कम और नुकसान ज्यादा करती हैं:

आप चाहें कॉलेज में हों, काम पर हों, किसी सोशल इवेंट में या फिर ट्रैवल कर रहे हों, आप देखेंगे कि लोग अपने वजन के बारे में या फिर किसी दूसरे का वजन बढ़ने-घटने के बारे में बात कर रहे होते हैं। वाकई आजकल लोगों पर वजन कम करने का काफी प्रेशर है। खासतौर पर यूथ पर तो मानों वजन कम करने का नशा सवार हो गया है। वहीं, ऐसी लड़कियों की कमी नहीं है, जो पूरी जवानी डाइटिंग करते बिता देती हैं।

गोली का सहारा
ये वजन कम करने की चाहत का ही असर है कि आजकल न्यूजपेपर, मैगजीन, टेलिविजन, रेडियो और इंटरनेट सभी जगह वजन कम करने वाली दवाइयों के ऐडवरटाइजमेंट छाए हुए हैं। और तो और इनमें से कुछ ऐड शर्तिया रिजल्ट का भी दावा करते हैं। साथ में, इन प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करने वालों के एक्सपीरियंस, उनकी पहले और इस्तेमाल करने के बाद की फोटो और मनी बैक जैसी आकर्षक डील्स भी होती हैं।

पिछले दिनों साइज जीरो का क्रेज बढ़ने पर वजन कम करने वाली दवाओं की डिमांड बढ़ गई थी। आजकल तो ऐसी गोलियां भी आने लगी हैं, जिन्हें खाकर वजन कम हो जाता है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या इस तरह की गोलियां सेहत के लिए सुरक्षित हैं?

सेफ नहीं है दवाएं
हम लोग खाने के बिना नहीं रह सकते। हमारे जीने के लिए भूख लगना एक नेचरल फीलिंग है। दरअसल, खाना हमारी बॉडी को रोजाना जिंदगी के लिए एनर्जी देता है। ऐसे में, अगर कोई दवाई हमारे खाने को शरीर में अब्जॉर्ब होने से रोकती है, तो जाहिर तौर पर वह हमारे लिए ठीक नहीं है। और तमाम वजन कम करने वाली दवाएं असलियत में यही करती हैं।

आजकल वजन कम करने वाली दवाएं आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और एलोपैथिक सभी वर्जन में उपलब्ध हैं। आप उन्हें पिल्स, पाउडर और ड्रिंक किसी भी फॉर्म में खरीद सकते हैं। लेकिन तमाम तरह के दावों के बावजूद सच यही है कि इनमें से ज्यादातर दवाएं सेफ नहीं हैं।

जादू नहीं है दवा
कंसल्टेंट न्यूट्रीशनिस्ट नीति देसाई कहती हैं, 'ज्यादातर लोग सोचते हैं कि वजन कम करने वाली दवाएं किसी जादुई गोली की तरह काम करेंगीं। जबकि सचाई यह है कि आप सिर्फ कोई गोली खाकर वजन कम नहीं कर सकते। ये सिर्फ एक लिमिट तक ही काम करती हैं। अगर आपको वास्तव में वजन कम करना है, तो आपको अपना लाइफस्टाइल सुधारना होगा और एक्सरसाइज करनी होगी।'

बकौल नीति, आजकल मेडिकल स्टोर्स पर खुलेआम आयुर्वेदिक कहकर बेची जा रहीं दवाएं भी सुरक्षित नहीं हैं। उनका साइड इफेक्ट अलग-अलग इंसान पर अलग-अलग तरीके से हो सकता है, जिसका कहीं कोई रेकॉर्ड नहीं है।

मेडिसिन के साइड इफेक्ट
क्लिनिकल डाइटिशियन पूजा मखीजा बताती हैं, 'कुछ वजन बढ़ाने वाली दवाएं बॉडी का बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर) बढ़ा देती हैं और वजन कम कर देती हैं, लेकिन यह पर्मानेंट नहीं होता। जैसे ही आप इन दवाओं का इस्तेमाल बंद करते हैं, वैसे ही आपका मोटापा वापस आ जाता है। यही नहीं, इन दवाओं के इस्तेमाल से लो ब्लड प्रेशर, वीकनेस, बालों का उड़ना, ज्यादा भूख लगना, गुस्सा आना और एनर्जी लॉस जैसे साइड इफेक्ट भी हो जाते हैं। साथ में डिप्रेशन जैसी मेंटल प्रॉब्लम होने की भी संभावना रहती है।'

एक्सरसाइज से बनेगी बात
मखीजा मनुष्य के शरीर की तुलना एक कार से करती हैं। वह कहती हैं, 'अगर किसी काम में पेट्रोल नहीं है, तो वह चल नहीं सकती। इसी तरह आप कार को चलाने के लिए पेट्रोल या डीजल के अलावा कोई और लिक्विड इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसी तरह अगर आप खाने की बजाय सिर्फ कुछ स्नेक्स और ड्रिंक लेने लगें, तो उनसे बॉडी को चलाने के लिए कंप्लीट एनर्जी नहीं मिल पाएगी।

सही तरीके से काम करने के लिए हमारे शरीर पर्याप्त मात्रा में हेल्दी फूड की जरूरत होती है। अगर आप खाने को अवॉइड कर रहे हैं, तो ऐसा तुरंत बंद कर दीजिए। वजन कम करने से सबसे सही तरीका प्रॉपर डाइट लेने के साथ एक्सरसाइज करना है।'

नो शॉर्टकट
जबकि कंसलटैंट न्यूट्रीशनिस्ट नलिनी श्रीवास्तव बताती हैं, 'वजन कम करने की दवाएं कोई पर्मानेंट सल्यूशन नहीं हैं, बल्कि कई बार इनका उलटा असर भी पड़ जाता है। अगर कोई दवा खाने का बॉडी में अब्जॉर्ब होने से रोकर रही है, तो यह गलत है और शरीर के लिए नुकसानदायक है। मैं इस तरह की दवा को कभी रिकमंड नहीं करूंगी। आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वजन कम करने का कोई शॉर्टकट नहीं है। खासतौर पर इस तरह की दवाएं तो बिल्कुल नहीं, जो फायदे की बजाय नुकसान करते हैं।'

उम्मीद है कि अगली बार जब आप वजन कम करने वाली दवाओं का ऐड देखेंगे, तो खुद-ब-खुद सावधान हो जाएंगे! (लीजा अंताओ,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,26.3.11)

3 टिप्‍पणियां:

  1. वज़न कम करने का एक ही फंडा --खानपान कम और काम ज्यादा ।

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  2. मैं भी यही समझाता हूँ.. आज आपका यह आलेख पढाने को कहूँगा.. धन्यवाद!!

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