लेडी डॉक्टर ब़ड़ी तेजी से आगे ब़ढ़ रही हैं। वे अब रेडियोलॉजी से लेकर हर स्पैशिएलिटी में पुरुषों से बेहतर काम कर रही हैं। हेल्थकेयर में आज महिलाओं की भूमिका काफी ब़ढ़ गई है। आजादी के बाद जहां इक्की दुक्की महिलाएं ही डॉक्टर बनती थीं, वहीं आज शहरों से लेकर कस्बों तक लेडी डॉक्टर पुरुष डॉक्टरों से बेहतर काम और नाम कर रही हैं। डेंटिस्ट्री में महिला डॉक्टरों की खास दखल देखी जा रही है।
वैशाली स्थिति पंचतारा अस्पताल पुष्पांजलि क्रॉसले की स्त्री रोग विभाग की प्रमुख एवं आईवीएफ (टेस्ट ट्यूब बेबी) की चेयरमैन डॉ. शारदा जैन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से महिलाओं में खून की कमी (एनिमिया) के राष्ट्रीय कार्यक्रम का नेतृत्व किया है। वे कहती हैं-मुझे कोई सलाह पूछता है तो मैं कहती हूं बेटी को डॉक्टर बना दो, उसे समाज में सम्मान मिलेगा। भारी संख्या में महिलाएं आज डॉक्टर बन रही हैं । वे ब़ड़े-ब़ड़े पदों पर भी विराजमान हो रही हैं। देश में करीब डे़ढ़ लाख महिला एलोपैथी डॉक्टर हैं। करीब २५,००० पंजीकृत स्त्री रोग विशेषज्ञों में कई राष्ट्रीय स्तर पर जानी जाती हैं। एलोपैथी के अलावा आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी सहित कई क्षेत्रों में महिला डॉक्टरों की खासी संख्या हो गई है। प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में भी महिला डॉक्टरों का प्रवेश ब़ढ़ रहा है। लेकिन डेंटिस्ट्री का क्षेत्र है जहां महिलाओं की रुचि ज्यादा दिख रही है। ग्रेटर कैलाश स्थित स्माइल स्टूडियो की प्रमुख डॉ. एकता चड्डा कहती हैं- लेडी डेंटिस्ट डॉक्टरों ने अपने क्षेत्र में खासा परचम लहराया है(नई दुनिया,दिल्ली,8.3.11)।
shubh sanket hain desh evm samaj hit main ,
जवाब देंहटाएंachhi jankari hetu abhaar....
राधारमण जी, आपने महिलाओं के बढ़ते कदम एक क्षेत्र में नहीं देखे......."भ्रष्टाचार"
जवाब देंहटाएंइस समय उदाहरणों की कमी नहीं है, फिर भी उनपर नज़र नहीं पड़ी?