गुरुवार, 31 मार्च 2011

एम्स लागू करेगा इलाज पैकेज

अगली बार एम्स जाएं तो रुपयों से भरा पर्स ले जाना न भूलें। अब आपको डॉक्टरों की फीस भी चुकानी पड़ सकती है। अब तक जो दवाएं व उपकरण मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते रहे हैं, उनकी कीमत भी चुकानी पड़ेगी। एम्स प्रशासन ने कुल 160 बिस्तर वाले प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए पैकेज की रूपरेखा तय कर दी है। इसे गवर्निंग बॉडी व वित्त सलाहकार समिति ने स्वीकृति भी दे दी है। इस बाबत मंगलवार को सभी विभागाध्यक्षों के साथ एम्स प्रशासन की बैठक हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया।
एम्स से मिली जानकारी के अनुसार, लागू होने जा रही पैकेज व्यवस्था सही अर्थों में एम्स द्वारा तय उपभोक्ता शुल्क का दूसरा रूप है। लोगों के विरोध के बाद उपभोक्ता शुल्क को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वापस ले लिया था। एम्स उपनिदेशक प्रशासन विनीत चौधरी का कहना है कि सभी विभागों से इलाज के तरीके व उपयोग होने वाले अन्य सामानों की दर तय करने के लिए कहा गया था। नई योजना के बारे में एक वरिष्ठ फैकल्टी ने बताया कि हार्ट सर्जरी, लिवर प्रत्यारोपण, किडनी प्रत्यारोपण, न्यूरो सर्जरी, घुटने के प्रत्यारोपण के लिए अलग-अलग पैकेज बनाए गए हैं। इलाज में उपयोग होने वाली दवा से लेकर सर्जरी में उपयोग होने वाली सभी वस्तुएं अस्पताल उपलब्ध कराएगा। इन वस्तुओं का कंप्यूटराइज्ड बिल अस्पताल से छुट्टी मिलने के समय दिया जाएगा, जिसका भुगतान करना होगा। एम्स अफसरों का कहना है कि इससे मरीज के परिजनों को भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। एम्स के कई फैकल्टी का कहना है कि एम्स सरकार द्वारा संचालित अस्पताल है। यहां मरीज से डॉक्टरों की फीस वसूलना किसी भी रूप में न्यायसंगत नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स के प्राइवेट वार्ड की फीस में बढ़ोत्तरी की बात स्वीकार कर ली है। इससे प्राइवेट वार्ड की फीस में 76 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। यानी ए श्रेणी के डीलक्स रूम का चार्ज 1700 रुपये के बजाय 3000 रुपये प्रतिदिन वसूला जाएगा(अमर उजाला,दिल्ली,30.3.11)।

राष्ट्रीय सहारा(दिल्ली संस्करण,30.3.11) में ज्ञानप्रकाश की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती हैः
एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज कराना और अधिक महंगा होगा। एम्स प्रशासन प्राइवेट वार्ड के लिए पैकेज व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इसके तहत वार्ड में भर्ती होने से लेकर डिस्चार्ज होने तक की अवधि में आने वाला खर्च रोगी से वसूला जाएगा। मसलन भोजन, सर्जरी, दवाएं, रूई, तौलिया, चादर, तेल, साबुन, कपड़े, डॉक्टर की विजिट का पैसा रोगी को चुकाना होगा। अब तक केवल प्रतिदिन के हिसाब से कमरे का शुल्क ही रोगी से लिया जाता था। इसके अतिरिक्त प्राइवेट वार्ड के लिए यूजर्स शुल्क भी वसूला जाएगा। एम्स की स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एम्स सूत्रों के अनुसार हर पहलू पर गहन विचार-विमर्श के बाद इसे 'पैकेज पण्राली' नाम दिया है। फिलहाल प्राइवेट वार्ड को इसके दायरे में लाया गया है। इसमें भर्ती होने वाले रोगियों से फीड बैक लिया जाएगा। एम्स के उपनिदेशक (प्रशासन) विनीत चौधरी ने कहा कि अधिक शुल्क वसूले जाने संबंधी प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के पूर्व सभी विभागध्यक्षों से राय ली गई थी। अब उन्हें शुल्क चार्ट का ब्यौरा दे दिया गया है। इसके हिसाब से ही बिलिंग होगी। फिलहाल, जनरल वार्डस में इलाज कराने वालों को कोई शुल्क नहीं अदा करना होगा। जो व्यवस्था अब तक लागू है, वही मान्य रहेगी। मसलन रोगी कार्ड बनवाने के लिए दस रुपए शुल्क देना होगा। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड व अन्य जांचों के लिए रियायती शुल्क ही वसूला जाएगा। एम्स के प्रवक्ता डा. वीके गुप्ता ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। बिल कम्प्यूटराइज्ड होगा, जिसे अदा करने के बाद ही रोगी को डिस्चार्ज किया जाएगा।

तब अब डीलक्स रूम 1700 (प्रतिदिन) 3000 रुपये तक होगा प्राइवेट रुम सेमी डीलक्स 1200 (प्रतिदिन) 1700 होगा प्राइवेट रूम सामान्य 700-800(प्रतिदिन) 1200 तक अनुमानित सर्जरी जनरल नो चार्ज 2000-5000 कार्डियक नो चार्ज 15 से 20 हजार न्यूरो सर्जरी नो चार्ज 30 से 35 हजार तक एक्सरे, अल्ट्रासाउंड जांच इमरजेंसी में नो चार्ज स्थिति के अनुसार शुल्क होगा अन्य पैथालॉजिकल जांच 100-150 रुपये तक 1000 रुपये के मध्य होगी

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