जीटीबी हॉस्पिटल कैंपस में बने दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में इनडोर सेवाएं शुरू हो गईं। सेंटर के दूसरे चरण के तहत कैंसर की जांच और इलाज की वर्ल्ड क्लास मशीनें मुहैया कराई गई हैं और मरीजों को भर्ती करने के लिए जनरल व प्राइवेट वॉर्ड के बेड उपलब्ध हो गए हैं।
उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने बताया कि विस्तार के दूसरे चरण में सेंटर में आरटी सिम्युलेशन वाली सीटी स्कैनर मशीन, डिजिटल फ्लोरोस्कोपी वाली डिजिटल एक्सरे यूनिट, हाई एंड अल्ट्रासोनोग्राफी यूनिट की व्यवस्था की गई है। ये सुविधाएं अपनी तरह की देश में पहली हैं। अत्याधुनिक लैब, नवीनतम लिनियर एक्सिलिरेटर और पेशंट क्यू मैनेजमेंट सिस्टम भी शुरू किया गया है। यहां कैंसर की हर तरह की सर्जरी और इलाज की सुविधा हो गई है। 66 बेड का जनरल वॉर्ड बन गया है और 20 बेड का डे केयर वॉर्ड है और 29 बेड का प्राइवेट वॉर्ड भी बनाया गया है। सेंटर में व्यवस्था की गई है कि मरीज की जांच रिपोर्ट उसी दिन जाए और तुरंत इलाज शुरू हो सके। इंस्टिट्यूट में 2006 में ओपीडी सेवाएं शुरू की गई थीं। उसी साल यहां 26 हजार मरीजों का इलाज किया गया। 2009 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 61 हजार तक पहुंच गई। यहां रोजाना करीब 600 लोग ओपीडी में आते हैं और 200 लोगों को रेडिएशन ट्रीटमेंट व 150 लोगों को डे केयर सपोर्टिव ट्रीटमेंट दिया जाता है। कैंसर के मरीजों को कम कीमत पर बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए छतरपुर और मादीपुर में भी दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट की यूनिटें बनाने की भी योजना है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,वैलेंटाईन डे,2011)।
जानकारी के लिए आभार।
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अंतरिक्ष में वैलेंटाइन डे।
अंधविश्वास:महिलाएं बदनाम क्यों हैं?
हमें गर्व है, इस उपलब्धि पर ।
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