बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया को पारदर्शी व सरल बनाने के लिए इसे आनलाइन कर दिया गया है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इनफार्मेशन एंड गाइडेंस सिस्टम (केरिंग्स) की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे देश के भीतर व बाहर के लोगों को बच्चों को गोद लेने में आने वाली कई दिक्कतों का समाधान हो सकेगा। मंत्रालय गोद लेने के दिशानिर्देशों को भी बदलने जा रहा है और अब देश के भीतर गोद लेने में 40 हजार रुपये खर्च आएगा। देश में बच्चों को गोद देने वाली एजेंसियों के काम को आसान बनाने व बच्चों को गोद लेने के इच्छुक माता-पिता की दिक्कतों को आसान बनाने के लिए शुरू की गई इस सुविधा से अब एक साथ सभी एजेंसियों के पास बच्चों को देखा जा सकता है। तीरथ ने कहा कि केरिंग्स पर गोद दिए जाने वाले बच्चों, उनकी एजेंसी के बारे में पूरी सूचना उपलब्ध रहेगी। देश में बच्चों को गोद दिए जाने के लिए 326 एजेंसियां काम कर रही हैं। इनमें 172 पंजीकृत हैं और बाकी 154 को जल्द ही पंजीकृत कर लिया जाएगा। इसके अलावा गोद लिए जाने वाले दिशानिर्देशों में भी सरकार बदलाव करने जा रही है। देश के भीतर गोद लिए जाने की प्रक्रिया की मौजूदा राशि को बढ़ाकर 40 हजार रुपये किया जा रहा है, जबकि विदेश में गोद लिए जाने पर यह पांच हजार अमेरिकी डालर होगी। अभी तक देश व विदेश में गोद लिए जाने वाले बच्चों के बारे में 50-50 फीसदी संख्या रखी गई थी, लेकिन अब यह देश के भीतर 80 फीसदी व बाहर के लिए 20 फीसदी की सीमा में रहेगी। नए दिशा-निर्देशों के मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है। (दैनिक जागरण,दिल्ली,15.2.11)
उपयोगी पोस्ट।
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