शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011

विश्व कैंसर दिवस विशेषः मुंह का कैंसर

स्वयं करें अपने मुँह की जाँच
*गर्दन की दोनों तरफ दबाकर गठान या रसौली को महसूस करने की कोशिश करें। अगर एक तरफ उभार है तो उँगलियाँ फिराकर महसूस करें। थूक निगलकर गले में कंठ का हिलना देखें।

*ऊपरी होंठ पलटकर दाँत व होंठ में घाव या रंग परिवर्तन देखें ऐसी ही प्रक्रिया निचले होंठ के साथ करें। अगर नकली दाँत लगाते हैं तो वह निकालकर देखें। सारे दाँतों व मसूड़ों का मुआयना करें।

*एक तरफ के गाल को फैलाकर टॉर्च की रोशनी में सफेद, काले या लाल दाग देखने की कोशिश करें। गाल को चिमटी की तरह पकड़कर कड़कपन का अहसास करें। ऐसा ही दूसरे गाल के साथ भी करें।

*सिर को पीछे झुकाकर के मुँह पूरा खोलें और ऊपरी तालू को देखें।

*जीभ को रुई के टुकड़े से पकड़कर एक तरफ घुमाएँ। कोई छाला या रसौली देखें। छाले के आसपास कड़कपन का अहसास करें।

*जीभ को ऊपर के दाँत से लगाएँ व जीभ के नीचे के हिस्से का मुआयना करें। सिर आगे झुकाकर मुँह पूरा खोलें व जीभ के नीचे के हिस्से को देखें। उँगली डालकर कड़कपन का एहसास करें।

*पूरा मुँह खोलकर आ... आ...की आवाज करें व तालू का हिलना देखें। यदि कुछ भी असामान्य दिखे तो तुरंत किसी विशेषज्ञ को दिखाकर सलाह अवश्य लें। जितना टालेंगे, बीमारी उतनी घर करती जाएगी।
(सलाहकार : डॉ. संदीप जैन,सेहत,नई दुनिया,जनवरी द्वितीयांक,2011)

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