गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

....ताकि बाल साथ निभाएं जीवन भर

बाल कैसे रहें,दूसरों को कैसे दिखें,इसकी ज़िम्मेदारी हमेशा स्वयं की होती है। कुछ लोग लुक्स के प्रति लापरवाह होते हैं। उनके बालों का स्वास्थ भी ठीक नहीं रहता । यह आपकी पसंद है कि आप लोगों को कैसे दिखें। बचपन से ही उचित देखभाल की जाए तो बाल सारी उम्र साथ निभा सकते हैं। बाल अच्छे रहें या खराब होकर झड़ जाएँ इसके लिए आपका शारीरिक स्वास्थ पूरी तरह जिम्मेदार है। आंतरिक स्वास्थ खराब हो और आप स्वयं कुपोषण के शिकार हों तो चमकीले बालों की भी अपेक्षा नहीं करना चाहिए।

इस प्रकार की समस्या का सबसे प्रधान कारण पोषक तत्वों का अभाव एवं उचित देखभाल का अभाव है। बालों के चक्र को सुचारु रूप से चलते रहने के लिए आयरन, कैल्शियम आदि पोषक तत्वों की उचित मात्रा शरीर को मिलना अत्यंत आवश्यक है। बालों में उचित तेल न लगाने के कारण भी यह समस्या उत्पन्ना होती है। साथ ही उचित शैंपू का प्रयोग न करना भी इसका कारण है। हानिकारक कैमिकल युक्त जैल शैंपू आदि के प्रयोग से बालों के सिरे दोमुँहे एवं भूरे हो जाते हैं। बालों की जड़ों पर ड्रापर का प्रयोग भी बालों की वृद्धि को रोकता है एवं उन्हें रूखा और बेजान बनाता है। लंबे समय तक यदि बालों के सिरों की ट्रीमिंग न कराई जाए तो भी बालों की वृद्धि प्रभावित होती है। क्योंकि बालों के सिरे बेजान होकर टूटते हैं एवं बाल आपस में उलझने लगते हैं। आनुवांशिक कारण या पारिवारिक पैटर्न भी बालों की वृद्धि के लिए जिम्मेदार होता है। क्योंकि बालों की बनावट माता-पिता के बालों की बनावट पर निर्भर करती है।

मरीज में यदि पोषक तत्वों के अभाव के लक्षण दिखाई दे रहे हों तो पोषक तत्वों की पूर्ति हेतु दवा दी जानी चाहिए। साथ ही खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। भोजन सभी पोषक तत्वों से युक्त होना चाहिए। दूध का सेवन अवश्य करें। उचित आयुर्वेदिक तेल का प्रयोग बालों में सप्ताह में दो या तीन बार करें। शैंपू आयुर्वेदिक होना चाहिए। बालों में हानिकारक कैमिकल युक्त कोई भी उत्पाद प्रयोग न करें। बालों की जड़ों पर ड्रापर का प्रयोग न करें। महीने में एक बार जड़ी-बूटी के मिश्रण युक्त मेहँदी का प्रयोग बालों में अवश्य करें। तेज धूप एवं तेज हवा से बालों को बचाएँ। ४-५ सप्ताह में बालों की ट्रीमिंग अवश्य कराएँ। वातावरणीय प्रदूषण भी बालों की वृद्धि को रोककर उन्हें रूखा और बेजान बना देता है। अतः वातावरणीय प्रदूषण से भी बालों को बचाना चाहिए। क्योंकि रूखे और बेजान बाल लंबाई में बहुत कम बढ़ते हैं।

बालों को धोने के लिए किसी भी प्रकार के साबुन का प्रयोग न करें। साबुन में हाई डिटरजेंट होता है जो बालों को नुकसान पहुँचाता है। बाजार में कुछ साबुन विशेष रूप से बालों के लिए ही आते हैं उनका प्रयोग भी बालों पर नहीं करना चाहिए। बालों को धोने के बाद उन्हें झटक कर नहीं सुखाना चाहिए। इससे बालों को नुकसान पहुँचता है और लंबाई में वृद्धि भी कम होती है। कई लोग जिनके बाल घुँघराले होते हैं उनकी ये शिकायत होती है कि उनके बाल लंबाई में बहुत कम बढ़ते हैं। कई बार इस स्थिति में बालों की लंबाई तो सामान्य रहती है परंतु बाल लंबाई में बढ़ने के साथ गोल घूम जाते हैं इसलिए लंबाई में वृद्धि दिखाई कम देती है। 



बाल आपके,पसंद आपकी....
आपके बाल स्वस्थ हैं तो सिर की त्वचा पीत श्वेत रंग की दिखाई देगी तथा लचीलापन लिए हुए होगी। 

यदि सिर की त्वचा भूरापन लिए हुए हो एवं स्पर्श में रूखी लगे तो समझ जाइए कि आपके बालों का पोषण जड़ों से अच्छा नहीं है। तथा जड़ें शुष्क हो रही हैं। ऐसी स्थिति में बाल अधिक संख्या में झड़ने लगते हैं।

सिर की त्वचा को नाखून से खुरदने पर यदि दानेदार डेंड्रफ आ रही हो तथा खुजली न हो तो समझें यह डेंड्रफ ही है। 

यदि नाखून से खुरचने पर सिर की त्वचा से परतदार डेंड्रफ निकले साथ ही खुजली तेज हो तो आप फंगल इन्फेक्शन के शिकार हैं।

यदि उँगलियों से लंबाई में स्पर्श करने पर बाल चिकने न लगें तथा खुरदरे लगें तो आपके बालों का किरेटिन डैमेज आपके बाल स्वस्थ हैं तो सिर की त्वचा पीत श्वेत रंग की दिखाई देगी तथा लचीलापन लिए हुए होगी। 

यदि बालों में चमक एवं लोच न दिखाई दे तो ऊपरी पोषण के साथबाल कैसे रहें, दूसरों को कैसे दिखें इसकी जिम्मेदारी हमेशा स्वयं की होती है। कुछ लोग लुक्स के प्रति लापरवाह होते हैं। उनके बालों का स्वास्थ भी ठीक नहीं रहता। यह आपकी पसंद है कि आप लोगों को कैसे दिखाई देते हैं।
यदि कुछ लटें भूरे रंग की हों तो आपके बालों में असमय समेदी दस्तक देने वाली है। यदि इस स्थिति में उचित चिकित्सा की जाए तो असमय सफेदी को रोका जा सकता है।

बालों की ऊपरी तह भूरी एवं चमकहीन हो तथा अंदर के बाल गहरे रंग के हों तो बालों का शैंपू सही नहीं है तथा बालों को धूल तथा तेज़ हवा से बचाना भी इस स्थिति में आवश्यक है।

बाल बचपन से सीधे हों अर्थात् मूलरूप से सीधे हों और बाद में मुड़ने लगे हों या आपके बाल मूलरूप से घुंघराले हों तथा बाद में सीधे होने लगे हों तो समझ लीजिए आपके बालों को पोषण की ज़रूरत है। बालों की मूल प्रकृति का बदलना अंदरूनी पोषण की कमी का सूचक है(डॉ. प्रीति सिंह,सेहत,नई दुनिया,जनवरी द्वितीयांक 2011)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामीफ़रवरी 03, 2011

    बहुत बढ़िया जानकारी!
    मगर हम तो गंजे हो गये हैं!

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  2. अच्छी जानकारी दी।
    जाने को हैं अब तो बाल
    क्या अब पाऊंगा इसे संभाल?

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