बढ़ते बच्चों के लिए यूँ तो सभी तरह के खनिजों की जरूरत होती है, लेकिन विशेष तौर पर लौह तत्वों की मात्रा अधिक होना चाहिए। अक्सर अपने बच्चे को कोई एनिमिक मानने को तैयार नहीं होता। ऐसे में चिकित्सक की सलाह से बच्चों को रक्ताल्पता से बचाने की खास जरूरत होती है। शरीर में आयरन कई महत्वपूर्ण प्रोटीन एवं एंजाइम्स का हिस्सा होता है। रक्त में हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन के जरिए आयरन पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाता है। शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया हो सकता है।
एनीमिया अर्थात खून की कमी वाले बच्चों में विभिन्न लक्षण
*बच्चा पीला दिखाई देने लगता है।
*बच्चा जल्दी थक जाता है। कमजोरी व आलस्य का अनुभव करता है।
*अधिक मेहनत करने या दौड़-भाग करने पर वह हाँफने लगता है एवं उसे साँस लेने में कठिनाई होती है।
*एनीमियाग्रस्त बच्चों में इंफेक्शन भी बड़ी आसानी से लगता है।
*लंबे समय तक आयरन की कमी से बच्चे में एकाग्रता की कमी,पढ़ाई में मन नहीं लगने आदि की समस्या आ सकती है।
इन्हें होती है आयरन की कमी
*गर्भवती महिलाएं
*समय-पूर्व जन्म लेने वाले बच्चे
*किशोरों को
शरीर में आयरनयुक्त प्रोटीन अर्थात हीमोग्लोबिन की आवश्यकता
*७ माह से १२ माहः ११ मिग्रा प्रतिदिन
*१ साल से ३ सालः ७ मिग्रा प्रतिदिन
*४ साल से ८ सालः १० मिग्रा प्रतिदिन
*९ साल से १३ सालः ८ मिग्रा प्रतिदिन
*लड़का (किशोरावस्था)- ११ मिग्रा प्रतिदिन
*लड़की (किशोरावस्था)- १५ मिग्रा।
बढ़ते बच्चों में आयरन की जरूरतें
बच्चे को आयरन की जरूरत ६ माह से ७ साल एवं किशोरावस्था में लड़कियों में अधिक बढ़ जाती है। एक स्वस्थ माँ के स्वस्थ नवजात शिशु के शरीर में इतना आयरन होता है कि उसकी ४ से ६ महीने तक की जरूरत पूरी हो जाती है। साथ ही माँ के दूध में उपलब्ध आयरन शिशु आसानी से पचा भी लेता है।
(१) चिकन ८.८ प्रति १०० ग्राम
(२) बीफ ५.५ प्रति १०० ग्राम
(३) बादाम ४.४ १५ पीस
(५) पालक ३.५ आधा कप
(६) सूखा मेवा १.७ ४ पीस
(७) ब्राउन ब्रेड १.७ २ स्लाइस
(८) हरा मटर १.४ आधा कप
(९) आलू १.४ आधा आलू
(१०) अंडा ०.७ एक
(१२) अखरोट ४.० आधा कप
(१३) काजू २.६५ आधा कप
(१४) फिश १.२ प्रति १०० ग्राम।
इनके अलावा,सभीहरे पत्तेदार सब्जियों,काबुली चना,मसूर,अनार,चुकंदर,अनानास आदि में आयरन प्रचुरता से पाया जाता है। एनीमल सोर्स(चिकन,फिश) आदि से शरीर को मिलने वाले आयरन की उपलब्धता शरीर में देर तक रहती है।
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो भोजन में मौजूद आयरन की शरीर में उपलब्धता बढ़ाते हैं,जैसे-मीट,फिश,चिकन एवं फल-संतरा,स्ट्रॉबेरी,अंगूर तथा ब्रोकली,टमाटर,आलू जैसी सब्जियां और मिर्च। एक साल के बाद बच्चे के दूध की मात्रा आधा लीटर प्रतिदिन से अधिक न हो।
बच्चों को विटामिन-सी से भरपूर खाना टमाटर,ब्रोकली,संतरे,स्ट्रॉबेरी आदि भी अधिक मात्रा में देना चाहिए। खाना खाने के समय बच्चों को चाय या कॉफी नहीं देना चाहिए। इसमें मौजूद टेनिन आयरन के पाचन को कम करता है।
शुरू के दो साल में बच्चों को अधिक आयरनयुक्त आहार दें। आयरन सर्टिफाइड तैयार खाद्य पदार्थ भी दे सकते हैं(डॉ. अमित बंग,सेहत,नई दुनिया,फरवरी,द्वितीयांक 2011)
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