पंजाब ने परिवार नियोजन के मामले में राष्ट्रस्तर पर अपना परचम फहराया है। हां रोजगार देने के मामले में देश का यह अमीर राज्य अपने पड़ोसी राज्य हरियाणा से पीछे है। परिवार नियोजन के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पंजाब ने जन्म दर के राष्ट्रीय आंकड़ों को भी पछाड़ कर रख दिया है। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में एक हजार की आबादी के पीछे जन्म दर 17.3 है जबकि राष्ट्रीय दर 22.8 है। राज्य में मृत्यु दर 7.2 प्रति हजार और राष्ट्रीय दर 7.4 आंकी गई है। पंजाब में दंपतियों की सूझ-बूझ की बदौलत एक महिला औसतन 1.9 (प्रजनन दर) बच्चों को जन्म दे रही है, जबकि देश में यह दर 2.6 है। नवजात शिशुओं की मृत्यु दर पंजाब में 41 प्रति हजार है जबकि देश में यह संख्या 53 प्रति हजार है। प्रसव के दौरान पंजाब में एक हजार के पीछे जच्चा की मृत्यु दर 1.92 हैं जबकि देश के अन्य भागों में 2.54 है। नसबंदी के क्षेत्र में भी पंजाब राष्ट्र स्तर पर अव्वल स्थान की तरफ अग्रसर है। पंजाब में पति नंबर वन बनने के लिए पुरुष खुद नसबंदी को अपना रहे हैं। 09-10 में राच्य में 12760 पुरुष पति नंबर वन बने और पंजाब देश में दूसरे नंबर पर रहा। वहीं, श्रम मंत्रालय के श्रमिक ब्यूरो के एक सर्वेक्षण के अनुसार, पंजाब में बेरोजगारी की दर 10.5 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 9.4 फीसदी है। पंजाब के साथ लगते राच्य हरियाणा में बेरोजगारी की दर 8.7 प्रतिशत, हिमाचल में 5.9 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 4.9 प्रतिशत, चंडीगढ़ में 1.6 प्रतिशत तथा सबसे कम दिल्ली में 0.8 फीसदी है। शहरी क्षेत्रों की बेरोजगारी के आंकड़ों को खंगाला जाए तब भी पंजाब पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। शहरों में बेरोजगारी के मामले मेंपंजाब में यह आंकड़ा 15.2 फीसदी है। यदि पड़ोसी राच्यों की तरफ नजर दौड़ाई जाए तो हरियाणा के शहरी क्षेत्रों यही दर 9.5 प्रतिशत, हिमाचल में 7.7 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय दर 7.3 से ज्यादा है। जम्मू कश्मीर के शहरी क्षेत्रों रोजगार ज्यादा लोगों के पास है तथा वहां पर बेरोजगारी की दर 4.9 प्रतिशत तथा चंडीगढ़ में सबसे कम 0.2 प्रतिशत है। पंजाब में रोजगार पर नजर दौड़ाई जाए तो तदर्थ आधार (एडहाक) पर नौकरियां देने में पंजाब देश में दूसरे स्थान पर है। तदर्थ आधार नौकरी का आंकड़ा पंजाब में 14.1 फीसदी है जबकि केरला 14.7 के साथ प्रथम स्थान पर है। सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार की बात की जाए तो पंजाब की दर 16.7 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय दर 8.9 से करीब-करीब दोगुनी ही है(जगदीश कुमार,दैनिक जागरण,जालंधर,4.1.11)
काश, अन्य प्रदेश इससे शिक्षा लेते।
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मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सर्वाधिक आवश्यक मुद्दा है जनसँख्या विस्फोट...
जवाब देंहटाएंसरकारें जहाँ इस तरफ से उदासीन दिख रही हैं आम जनता अपनी ज़िम्मेदारी समझ कर कदम बढ़ा रही है....
धन्यवाद महत्वपूर्ण जानकारी का