शुक्रवार, 21 जनवरी 2011

स्कूलों में अब 'पीरियड्स' की चिंता खत्म !

दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सैनेटिरी नैपकिन (पैड) मुफ्त में उपलब्ध कराने की योजना लागू करेगी।

दिल्ली सरकार के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि कई सर्वे के बाद यह बात सामने आई है कि शहर के गरीब परिवारों में लड़कियों व महिलाओं में पीरियड्स के दौरान जरूरी साफ सफाई नहीं किए जाने से उन्हें गंभीर बीमारियां हो रही हैं। उन्होंने बताया कि इस साफ-सफाई के अभाव में सर्वाइकल कैंसर तक होने का खतरा रहता है। लिहाजा जेंडर रिसोर्स सेंटर के माध्यम से शहर के गरीब इलाकों में महज १० रूपए में महिलाओं को पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले पैड उपलब्ध कराए गए थे। महिलाओं ने बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल किया।

सूत्रों ने बताया कि इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली की स्वास्थ्य मंत्री प्रो. किरण वालिया की अगुवाई में गुヒवार को एक बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि ज्यादा से से ज्यादा जेंडर रिसोर्स सेंटरों के माध्यम से इसे अन्य इलाकों में भी बेचा जाए। इसकी कीमत १० रूपए ही रखी जाएगी।

दिल्ली सरकार के विश्वस्त आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस अभियान के तहत पैड्स पर लगने वाले वैट को भी माफ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब शिक्षा विभाग ने इसी अभियान से खुद को जोड़ते हुए अपने सभी स्कूलों में मुफ्त में ये पैड उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है।

उन्होंने बताया कि आम तौर पर सातवीं व उसके ऊपर की कक्षाओं में लड़कियों को इसकी जरूरत होती है। उनहोंने बताया कि शिक्षा विभाग को ये पैड १० रूपए में ही मिलेंगे लेकिन स्कूलों के मामले में होने वाले खर्च को वह वहन करेगा(नई दुनिया,दिल्ली,21.1.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।