आज हर क्षेत्र में आगे रहने वाली महिलाएं रक्तदान करने में पुरुषों से पिछड़ रही हैं। वे चाह कर भी रक्तदान नहीं कर पा रही हैं। रक्तदान करने वालों में महिलाओं का आंकड़ा कुल रक्तदाताओं का औसतन 5 से 7 फीसदी है। ऐसा नहीं कि महिलाएं रक्तदान के प्रति जागरूक नहीं बल्कि अच्छी सेहत न होने के कारण ये अनफिट हो जाती हैं, जिससे रक्तदान नहीं कर सकतीं। शिविरों में कुछ महिलाएं ही रक्तदान के लिए फिट साबित होती हैं।
अनफिट होने की सबसे बड़ी वजह है महिलाओं में हीमोग्लोबिन 12 ग्राम से कम होना। इनका अंडरवेट होना दूसरी वजह है। एक और वजह यह भी कि जीरो फिगर व स्लिम लुक के ट्रेंड के चलन को देखते हुए लड़कियां व महिलाएं ‘डाइटिंग’ के फेर में पोषक आहार नहीं ले रही हैं। रक्तदान करने वाले में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 ग्राम से ज्यादा, वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा व उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए। महिला गर्भवती या माहवारी के समय रक्तदान नहीं कर सकती।
इसलिए हैं आंकड़ों में फर्क
ब्लड बैंक इंचार्ज डा. विरेंद्र भारती बताते हैं कि गर्भवती व माहवारी के समय महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती। इस वजह से रक्तदान करने वाली महिलाओं की संख्या कम हो जाती है। ज्यादातर महिलाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा लगभग 9 से 10 ग्राम होती है। शहरों में फिगर कांशियसनेस के चलते ज्यादातर महिलाएं व लड़कियां डाइटिंग कर रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में पोषक आहार न लेने से वजन कम होता है। कुछ परिवार लड़कियों व महिलाओं को रक्तदान करने से रोकते हैं। लड़कियां वजन कम करने के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स देने वाले खाद्य पदार्थ लेना भी बंद कर देती है, जिससे उनमें हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। अम्बाला में पुरुषों के मुकाबले रक्तदान में महिलाओं की भागेदारी 5 से 7 प्रतिशत है।
अंडरवेट बनता है एक बड़ा कारण
148 बार रक्तदान कर सेंचूरियन ब्लड डोनर का खिताब पाने वाले राजेंद्र गर्ग बताते हैं कि कालेजों में ब्लड कैंपों में रजिस्ट्रेशन के लिए काफी लड़कियां आती हैं। मगर इनमें से आधे से ज्यादा लड़कियां अंडरवेट होने के कारण ब्लड डोनेट नहीं कर पाती(दैनिक भास्कर,अम्बाला,13.12.2010)।
अंडरवेट बनता है एक बड़ा कारण
148 बार रक्तदान कर सेंचूरियन ब्लड डोनर का खिताब पाने वाले राजेंद्र गर्ग बताते हैं कि कालेजों में ब्लड कैंपों में रजिस्ट्रेशन के लिए काफी लड़कियां आती हैं। मगर इनमें से आधे से ज्यादा लड़कियां अंडरवेट होने के कारण ब्लड डोनेट नहीं कर पाती(दैनिक भास्कर,अम्बाला,13.12.2010)।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसही विश्लेषण।
जवाब देंहटाएंmahilaye janani hai,is halat me unhe blood ki kami bahad nukasandayak ho sakati hai.mahilao ko apane swasthya ke priti jyada jagaruk honi chahiye. wehad jagaruk post sir.
जवाब देंहटाएं