शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

साफ-सफाई

यदि आप सचमुच अपनी सेहत को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो अपनी अपने आसपास की सफाई पर आपको खास ध्यान देना होगा। इस मामले में ऊपरी सफाई के अलावा जब हाइजीन और कीटाणुओं की बात की जाती है तो ज्यादातर लोग टॉयलेट क्लीनर, कूड़े के डिब्बों और बाथरूम के फ्लोर के बारे में सोचते हैं। लेकिन उनकी लिस्ट में घर और दफ्तर के कुछ खास ऐसे ठिकाने नहीं होते हैं जहां कीटाणुओं की अधिकता हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप उन क्षेत्रों के बारे में जानें।

- सिर्फ घर पर और खाने के पहले ही हाथ न धोएं। वर्कप्लेस पर भी हाथ धोने की आदत डालें।

- कितनी अजीब बात है कि हम जिस नल से हाथ धोते हैं, उसके टेप को साफ नहीं करते हैं। पहले हम गंदे हाथों से टेप को खोलते हैं, हाथ धोते हैं और फिर उन साफ हाथों से टेप को बंद करते हैं।

- इसी तरह टेलीफोन को कई लोग छूते हैं, उसके इस्तेमाल के बाद हाथ धोने चाहिए। ऐसे ही अन्य सामान भी घरों में होते हैं जैसे टीवी, एयरकंडीशनर, म्यूजिक सिस्टम और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के रिमोट, दरवाजों के हैंडल और लाइट स्विच, कार स्टीयरिंग, बच्चों के खिलौने, घर और वर्कप्लेस में कंप्यूटर की-बोर्ड, किचन का सिंक और बेसिन। इनके इस्तेमाल के बाद सफाई जरूरी है। समुचित और नियमित सफाई के लिए यह गौरतलब है कि हर जगह की सफाई के लिए अलग तरह के उपकरणों, कीटनाशकों और खास तरह के तौर-तरीकों को अपनाने की जरूरत रहती है।

- रेफ्रिजरेटर, महज गैस्केट नहीं, बल्कि डोर हैंडल और शैल्फ से भी गंदगी फैलती है। इसलिए इसे रोजाना डिसइंफेक्ट करते रहें।

- पालतू जानवरों से खेलने के बाद हाथ धोएं।

- अपने घर और दफ्तर की दीवारों और खिड़कियों की भीतरी दीवारों और कोनों की सफाई खास तौर पर करें। अकसर देखने में आता है कि लोग ऊपरी सफाई करते हैं पर अंधेरे कोनों पर ध्यान नहीं देते। यहीं सबसे ज्यादा बीमारियों के किटाणु पलते बढ़ते हैं। और इनका सफाया करने में किसी तरह की कोताही बरतना बीमारियों को दावत देना ही है।

- जब बीमार हों, तो रुमाल की बजाए टिश्यू का इस्तेमाल करें।
(हिंदुस्तान,दिल्ली,1.12.2010)

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