शुक्रवार, 10 दिसंबर 2010

दुर्घटना हो जाए तो.....

देश में ऐसे हादसों में मरने वालों की तादाद काफी ज्यादा है। आंकड़ों की मानें तो देश भर में दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या बीमारियों से मरने वालों से भी अधिक है। इनमें तमाम मौंते तो इस वजह से होती हैं क्योंकि सड़कों पर लोग अनजान लोगों की मदद नहीं करते या फिर उन्हें किसी दुर्घटना से प्रभावित व्यक्ति की प्राथमिक चिकित्सा का कोई ज्ञान नहीं होता। इन सबसे अलग सबसे बड़ी वजह होती है, पुलिस का भय। लोग मदद यह सोचकर नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि बाद में पुलिस उन्हें परेशान करेगी। इसी सोच के चलते लोग घायल को अस्पताल ले जाना तो दूर, उसके पास रुकते तक नहीं। सोचिए, ऐसे में कितने लोग मदद के अभाव में मर जाते हैं। अगर हम अपनी सोच में बदलाव लाएं और थोड़ा सा जागरूक बनने की कोशिश करें तो ऐसी तमाम दुर्घटनाओं में घायल होने वालों को बचाया जा सकता है। एक जिम्मेदार नागरिक होने के चलते हमें यह कोशिश इसलिए भी करनी चाहिए क्योंकि ऐसी दुर्घटना कभी हमारे अपनों के साथ भी हो सकती है। आइए जानें कि हमारे सामने कभी ऐसी दुर्घटना होने पर हमें क्या करना चाहिए।
- सबसे पहले घायल व्यक्ति को प्राथमिक तौर पर जो भी मदद दी जा सकती है, देनी चाहिए। इसमें उसे पानी देने से लेकर आरामदायक स्थिति में लिटाना तक शामिल है।
- हड़बड़ाने और लोगों से सवाल-जवाब करने की बजाय ऐसे लोगों का सहयोग लेना चाहिए, जो समझदार और जिम्मेदार हों।
- अगर घायल बात करने की हालत में है तो उससे उसके घरवालों या दोस्तों का नंबर उन्हें दुर्घटना के बारे में बताएं।
- तुरंत पुलिस को फोन कर उन्हें घटनास्थल की जानकारी दें और बताएं कि घायल की हालत कितनी गंभीर है, हालत को बढ़ा-चढ़ाकर या छोटा कर न बताएं।
- संभव हो तो अपने किसी दोस्त या जानकार को भी घटनास्थल पर बुला लें।
- घायल को लगातार सांत्वना दे और उसे बताएं कि घबराने की कोई बात नहीं है।
- जब तक पुलिस और एंबुलेंस घटनास्थल पर न पहुंच जाएं, आप एक जिम्मेदार इंसान की तरह मौके पर रहें, यकीन मानें लोग आपके साथ खड़े होगे
- पुलिस के आने और घायल के एंबुलेंस से जाने के बाद ही घटनास्थल छोड़कर जाएं(हिंदुस्तान,दिल्ली,28.11.2010)।

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