शनिवार, 18 दिसंबर 2010

थकान से हों परेशान तो करें "भूनमनासन"

सही दिनचर्या के अभाव में हमारे शरीर की कार्यक्षमता पर काफी गहरा पड़ता है। साथ ही सही समय पर संतुलित खाना न होना। इसी वजह से अधिकांश लोगों के साथ थकान की समस्या बनी रहती है। ऑफिस कार्य ज्यादातर बैठे रहने वाला होता है ऐसे में बैठे-बैठे भी थकावट महसूस होने लगती है।
थकान से कई अन्य समस्याएं शुरू हो जाती है शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षमता घटती जाती है। इन सभी से बचने के लिए जरूरी है कुछ व्यायाम जरूरी है। थकान से बचने के लिए सबसे सरल और कारगर उपाय है भूनमनासन। इस आसन से कुछ ही दिनों में आपकी थकान दूर हो जाएगी और हर कार्य पूरी स्फूर्ति के साथ कर सकेंगे। यह आसन कमर और रीढ़ के लिए काफी लाभदायक है। इसमें हम शरीर को पीछे या आगे की ओर न झुकाकर दाएं या बाएं घुमाते हैं। इससे लंबे समय तक बैठने या खड़े होने से आई थकावट दूर होती है।

भूनमनासन की विधि
समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर बैठ जाएं। दोनों पैर सामने रखें। शरीर को सीधा रखकर सांस भरिए। कमर से ऊपर के भाग को सीधे हाथ की ओर मोड़ें और दोनों हथेलियों को जमीन पर दाहिनी तरफ रखें। अब सांस छोड़ते हुए अपने सिर को जमीन से छूने का प्रयास करें। इस स्थिति में कुछ क्षण रुके। सांस सामान्य रखें। इसके बाद सांस भरते हुए शरीर को ऊपर की ओर लाएं और सांस को छोड़ते हुए शरीर को सीधा कर लें। ऐसे ही दूसरी और से इस प्रक्रिया को करें।
 
भूनमनासन के लिए सावधानियां
- इस आसन को सभी आसनों के अंत में करें।
- भू-नमनासन करते समय अपना ध्यान पीठ और कंधे की मांसपेशियों पर लगाकर रखें।
- आसन के दौरान कोशिश करें कि रीढ़ की हड्डी सीधी रहे और शरीर का वजन हाथों पर आए।
- इससे रीढ़ की हड्डी और कमर के निचले हिस्से का तनाव कम होता है।
- गर्भवती महिलाएं शुरूआत के तीन महीनों तक इस आसन का अभ्यास कर सकती हैं। इसके बाद इस आसन को न करें।
-जिन लोगों को हार्नियां और अल्सर की परेशानी हो वे भी इस आसन को न करें(दैनिक भास्कर,उज्जैन,17.12.2010)।

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