दिनों-दिन बढ़ती महंगाई और आर्थिक तंगी से आम लोगों को निजात का सरकार के पास कोई तात्कालिक फार्मूला हो न हो, लेकिन सामाजिक सुरक्षा के तहत इलाज के मोर्चे पर राहत की नई गुंजाइश जरूर बन गई है। वह भी सालाना बमुश्किल सात सौ रुपये में 30 हजार रुपये तक का इलाज। सुविधा का लाभ हर परिवार को मिलेगा, भले ही उनकी आमदनी कितनी भी हो। शर्त सिर्फ यह है कि सामान्य लोगों का स्वास्थ्य बीमा समूह में होगा और उनके लिए यह काम गैर सरकारी एजेंसियां करेंगी। सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को आम लोगों के लिए भी उपयोग का रास्ता खोल दिया है। फर्क यह है कि बीपीएल परिवारों के सालाना 30 हजार रुपये तक के इलाज के लिए बीमा प्रीमियम का भुगतान सरकार करती है, उन्हें परिवार के विस्तृत ब्योरे और अस्पताल से भुगतान के लिए बनने वाले बायोमेट्रिक स्मार्ट कार्ड की खातिर सिर्फ 30 रुपये देने होते है जबकि आम लोगों को प्रीमियम का भुगतान खुद करना होगा। बाकी उनके भी परिवार का स्मार्ट कार्ड वैसे ही बनेगा, जैसे बीपीएलधारकों का बनता है। मुखिया समेत पांच लोगों की इकाई को एक परिवार माना जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) के प्लेटफार्म को इच्छुक गैर सरकारी एजेंसियों (आइएनजीए) के जरिए सामान्य लोगों सामूहिक स्वास्थ्य बीमा के लिए किया जाएगा लेकिन यह उसी राज्य में होगा, जहां योजना पहले से चल रही है। इन इच्छुक एजेंसियों को बीमा कंपनियों के साथ उसी तरह करार करना होगा जैसे अभी बीपीएल परिवारों के लिए राज्य नोडल एजेंसियों ने किया है। ये एजेंसियां राज्य नोडल एजेंसियों से जुड़कर उनके विस्तार के रूप में काम करेंगी। इच्छुक एजेंसियों को एक जिले में सामान्य बीमाधारकों के विस्तृत ब्योरे को एक समूह के रूप में तैयार करके केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को भेजना होगा। इच्छुक एजेंसियों को केंद्र, राज्य की नोडल एजेंसियों से सहमति पत्र (एमओयू) पर करार करना होगा। बीते तीन साल में लगभग सवा दो करोड़ बीपीएल परिवार केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से शुरू की गई इस योजना के बीमाधारक हैं। उनके प्रीमियम का भुगतान सरकार कर रही है। अलग-अलग जिलों में बीमाधारकों की संख्या के लिहाज से उनका प्रीमियम कम-ज्यादा है लेकिन किसी भी जिले में प्रति बीमाधारक यह प्रीमियम 700 रुपये से भी कम है। यदि सामान्य परिवारों के लोग इस बीमा योजना में बड़ी तादात में शामिल होते हैं तो यह प्रीमियम और घट सकता है(राजकेश्वर सिंह,दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,18.12.2010)।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - कृपया ध्यान देंवे : अति विशेष सूचना - आलेख प्रतियोगिता और आप - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
1. काश कोई यह भी पूछे कि कितने प्रीमियम के बदले कितला क्लेम दिया व कितना अभी बाकी है 2. क्लेम दाखिल करने की प्रक्रिया कौन देख रहा है.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
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