कुदरत की अनहोनी को धता बताकर नई दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने चिकित्सा जगत में एक नया अध्याय जोड़ कुदरत की अनहोनी को धता बताकर एम्स के डाक्टरों ने चिकित्सा जगत में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। गर्दन के पास धड़क रहे दिल की सफल सर्जरी कर उसे अपने स्थान पर स्थापित कर एम्स के डाक्टर ए.के.बिसोई व उनकी टीम ने बच्ची को नया जीवन प्रदान किया है। इक्टोपिया कार्डिस से पीडि़त मुजफ्फपुर में जन्मे बेबी आफ नीलू की रविवार को सफल सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद जागरण से बात करते हुए डा. बिसोई ने कहा यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही है बच्ची को फिलहाल आईसीयू में रखा गया है वह अब खुद सांस ले रही है और फिलहाल उसे नाक के जरिए फीडिंग दी जा रही है। डा. का दावा है कि यह सर्जरी बच्ची को नया जीवन देगा। शुक्रवार 21 नवंबर को ग्यारह बजे बच्ची कोसर्जरी के लिए आपरेशन थियेटर ले जाया गया गया। जहां ढाई घंटे तक चली सर्जरी में डा. एके बिसोई के नेतृत्व में आठ डाक्टरों की टीम ने इसे सफल बनाया। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि यह एक अद्भुत मामला था, जो हमारे लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। इस मामले में बच्ची का दिल छाती में अपनी जगह होने के बदले गर्दन के पास धड़क रहा था, गर्दन के दोनों कालर बोन व सांस वाली नली के पास धड़क रहा था, जो अपने आप में अदभुत मामला था। सर्जरी के बारे में बात करते हुए डा. बिसोई ने कहा कि हमने पहले छाती को चीरकर दो अलग-अलग भागों में किया और फिर बच्ची को हार्ट वोलंग मशीन पर बच्ची को रखा गया। उसके बाद छाती की हड्डी और रिब्स की हड्डी को मोबलाइज कर जगह बनाई गई। छाती के अन्दर जगह बनने के बाद दिल को अपने स्थान पर स्थपितट कर दिया गया। डा. ने कहा ये मामला चुनौतीपूर्ण था लेकिन अपने साथी डाक्टरों की मदद से सफल बना दिया है यह एम्स के लिए गर्व की बात है। उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फर पुर में छह नवंबर को डार्विन और नीलू के घर एक ऐसी बच्ची ने जन्म लिया जिसका दिल गर्दन के पास धड़क रहा था। तेरह नवंबर को इस बच्ची को एम्स में भर्ती किया गया। जहां शुरुआती जांच के बाद बच्ची का इम्यूनाइजेशन डवलप करने के बाद जब बच्ची ने सर्जरी सहने की क्षमता का विकास हुआ तब रविवार को उसकी सर्जरी की गई। जहां तक एम्स में भर्ती इक्टोपिया कार्डिया से पीडि़त दूसरे बच्चे का दिल छाती के बाहर धड़क रहा है इस बारे में डाक्टर का कहना है कि मध्य प्रदेश में जन्में इस बच्चे को संक्रमण का शिकार हो गया है। तत्काल उसकी स्क्रीनिंग चल रही है इसकी सर्जरी के बारे में कुछ अभी तय नहीं किया गया है।(राहुल आनंद,दैनिक जागरण,दिल्ली,21.11.2010)।
भगवान के बाद डाक्टरों को ही भगवान का दर्ज़ा प्राप्त है , ये उपलब्धि किसी करिश्मे से कम नही है..111राजस्थान यात्रा वैसे भी बीकानेर के बिना अधूरी है...आप आइये आपका स्वागत है..
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय कार्य।
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ग्राम, पौंड, औंस का झमेला। <
विश्व की दो तिहाई जनता मांसाहार को अभिशप्त है।
निश्चय ही इस उपलव्धि के लिए सभी डॉक्टर बधाई के पात्र हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत बड़ी उपलब्धि ।
जवाब देंहटाएंआज मेडिकल साइंस ने बहुत प्रगति कर ली है |यह इसी का परिणाम है |अच्छी जानकारी के लिए आभार \
जवाब देंहटाएंआशा