जानना चाहती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं.. तो टेंशन किस बात की है! आप घर पर खुद भी ‘प्रेग्नेंसी टेस्ट’ कर सकती हैं। इसके लिए आपको किसी केमिस्ट स्टोर से ‘प्रेग्नेंसी टेस्ट किट’ खरीदनी होगी, जो बिना प्रेसक्रिप्शन भी आसानी से ली जा सकती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ़ नीता सिंह के अनुसार घर पर प्रयोग की जाने वाली यह प्रेग्नेंसी किट यूरीन में मौजूद हारमोन ‘ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन’ (एचजीसी) की जांच करता है। यूं तो इस टेस्ट पर पूरी तरह भरोसा कर सकती हैं, फिर भी अस्पताल जाकर ब्लड टेस्ट के जरिए फाइनल प्रेग्नेंसी रिजल्ट जान लेना एक बेहतर ऑप्शन कहा जा सकता है।
अस्पताल में किए गए ब्लड टेस्ट के जरिए आप न सिर्फ एचसीजी का पता लगा सकती हैं बल्कि बॉडी में मौजूद हारमोंस की संख्या भी जान सकती हैं। प्रेग्नेंसी के कुछ हफ्तों तक हर दो-तीन दिनों के अंतराल में इसकी संख्या दोगुनी होती जाती है। इस टेस्ट के जरिए आप न सिर्फ प्रेग्नेंसी का पता लगा सकती हैं, बल्कि यह भी जान सकती हैं कि आपकी प्रेग्नेंसी को कितना वक्त हो चुका है?
ब्लड टेस्ट के जरिए यह भी पता किया जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको किसी समस्या से दो-चार होना तो नहीं पड़ेगा! यानी कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के साथ-साथ हेल्थ से जुड़ी जानकारियां भी लेनी हों तो ब्लड टेस्ट बेहतर ऑप्शन है।
ज्यादातर महिलाएं होम टेस्ट किट्स के जरिए आए रिजल्ट्स को ही फाइनल मानकर आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन ध्यान रखें कि घर पर किए जाने वाले इस टेस्ट से आप अपने स्वास्थ्य से जुड़ी बातों की जानकारी नहीं पा सकतीं। इससे पता नहीं लगाया जा सकता कि गर्भ का विकास सामान्य रफ्तार से हो रहा है या नहीं! ऐसे में ब्लड टेस्ट का ऑप्शन बेहतर कहना गलत न होगा।
किट के कवर पर इसे यूज करने से जुड़ी सारी जरूरी जानकारियां लिखी होती हैं, जिसे ध्यान से पढ़ लें। इसके बावजूद, किसी भी तरह की आशंका हो तो अपने नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से सलाह ले लें। रिजल्ट पॉजिटीव हो या नेगेटिव, अपने डॉक्टर से परामर्श करना न भूलें।
कैसे करें टेस्टघर पर किए जाने वाले ज्यादातर प्रेग्नेंसी टेस्ट में आप टॉयलेट जाकर या तो यूरीन की दो-तीन बूंदें स्पैचुलर की मदद से लेकर टेस्ट किट स्ट्रिप पर डाल सकती हैं या फिर साफ कप में यूरीन कलेक्ट करके उसमें स्ट्रिप डालकर उसकी रीडिंग चेक कर सकती हैं।
यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो टेस्ट स्ट्रिप में दो कलर्ड लाइंस नजर आएंगी। इनमें से पहली कंट्रोल लाइन है जो हमेशा ही कलर्ड रहती है जबकि दूसरी टेस्ट लाइन है, जिसमें रीडिंग के बाद यदि स्ट्रांग कलर्ड लाइन नजर आती है,
तो समझा जाता है कि रिजल्ट पॉजिटिव है। डॉ़ नीता बताती हैं कि कभी-कभार यह टेस्ट लाइन बहुत हल्की नजर आती हैं जिससे प्रेग्नेंसी की सही जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में ब्लड टेस्ट के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है। वैसे, आप चाहें तो 48 घंटे बाद फिर होम किट से प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं।
कब करें टेस्ट- कुछ ऐसे भी टेस्ट हैं, जो लो लेवल के एचसीजी का भी पता लगाकर प्रेग्नेंसी से जुड़ी जानकारी दे देते हैं, लेकिन भरोसेमंद रिजल्ट के लिए बेहतर होगा कि आप पीरियड्स मिस होने के एक-दो हफ्ते बाद यह टेस्ट करें।
- निश्चित परिणाम के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट सुबह-सवेरे के पहले यूरीन से करें। पूरी रात ब्लैडर में इकट्ठा रहे इस यूरीन में दिन के यूरीन की तुलना में अधिक मात्र में एचसीजी होता है। यही वजह है कि इस यूरीन से आसानी से प्रेग्नेंसी टेस्ट का रिजल्ट पाया जा सकता है।
- यदि आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हैं, लेकिन आपका पहला टेस्ट नेगेटिव आया हो तो कुछ दिनों बाद आप फिर से इसकी जांच कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में एचसीजी की मात्र तेजी से बढ़ती है, जिससे बाद में आसानी से सही रिजल्ट पता लगाया जा सकता है।
- पूरी तरह से कन्फर्म होने के लिए डॉक्टर से इसकी जांच अवश्य करा लें। साथ ही जरूरी दवाएं और सलाह भी लेते रहें।
प्रेग्नेंसी में जो भी डाइट खाएं, हेल्दी खाएं..अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की डायटीशियन जस्मिन कौर के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान जो भी खाएं, हेल्दी खाएं। वह कहती हैं कि हमेशा की तरह इन दिनों में भी संतुलित आहार लेना सबसे जरूरी होता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं आयरन रिच डाइट लें ताकि डिलिवरी के बाद आपकी बॉडी में हीमोग्लोबिन की कमी न होने पाए।
इन दिनों में अपनी डाइट में बहुत फैटी चीजें शामिल करने से बचें। जंक फूड्स अवाइड करें क्योंकि इनसे मोटापा बढ़ता है। हां, आप नॉर्मल फैट्स जैसे रिफाइंड ऑयल, थोड़ा-बहुत मक्खन, घी वगैरह ले सकती हैं, लेकिन बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें न लें।
बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन दिनों आप ताजे फल, हरी सब्जियां, खट्टे यानी सिट्रस फ्रूटस वगैरह जरूर लें। इसके अलावा, जरूरी फैटी एसिड वाले नट्स, अखरोट, बादाम आदि भी लेना न भूलें। हाई प्रोटीन डाइट लें। हरी सब्जियों के अलावा दूध और दूध से बनी चीजें इन दिनों आपके लिए बेहतर होंगे।
इसके अलावा, सोयाबीन, राजमा, बीन्स, वेजिटेबल सूप्स वगैरह भी लेते रहें। यदि आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो अंडा और मछली भी खा सकती हैं। आने वाले मेहमान की हड्डियां मजबूत करने के लिए हाई कैल्शियम और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए विटामिन ई युक्त डाइट लेना न भूलें। आखिर, उसे हर तरह से मजबूत जो बनाना है!
प्रेग्नेंसी के दौरान सुबह-सवेरे आपको सर्दी, जुकाम महसूस होता रहता है। इन दिनों में आपको मिट्टी, चॉक वगैरह चबाने को जी करता है, इसे दूर करने के लिए दूध, दूध से बनी चीजें, कार्बोहाइड्रेट, चिवड़ा, पोहा, बेसन के चीले जैसी प्रोटीन युक्त डाइट लें। इनसे बॉडी में कैल्शियम की मात्र नियत रहेगी।
(सुषमा कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,23.11.2010)
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ़ नीता सिंह के अनुसार घर पर प्रयोग की जाने वाली यह प्रेग्नेंसी किट यूरीन में मौजूद हारमोन ‘ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन’ (एचजीसी) की जांच करता है। यूं तो इस टेस्ट पर पूरी तरह भरोसा कर सकती हैं, फिर भी अस्पताल जाकर ब्लड टेस्ट के जरिए फाइनल प्रेग्नेंसी रिजल्ट जान लेना एक बेहतर ऑप्शन कहा जा सकता है।
अस्पताल में किए गए ब्लड टेस्ट के जरिए आप न सिर्फ एचसीजी का पता लगा सकती हैं बल्कि बॉडी में मौजूद हारमोंस की संख्या भी जान सकती हैं। प्रेग्नेंसी के कुछ हफ्तों तक हर दो-तीन दिनों के अंतराल में इसकी संख्या दोगुनी होती जाती है। इस टेस्ट के जरिए आप न सिर्फ प्रेग्नेंसी का पता लगा सकती हैं, बल्कि यह भी जान सकती हैं कि आपकी प्रेग्नेंसी को कितना वक्त हो चुका है?
ब्लड टेस्ट के जरिए यह भी पता किया जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको किसी समस्या से दो-चार होना तो नहीं पड़ेगा! यानी कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के साथ-साथ हेल्थ से जुड़ी जानकारियां भी लेनी हों तो ब्लड टेस्ट बेहतर ऑप्शन है।
ज्यादातर महिलाएं होम टेस्ट किट्स के जरिए आए रिजल्ट्स को ही फाइनल मानकर आगे बढ़ना चाहती हैं, लेकिन ध्यान रखें कि घर पर किए जाने वाले इस टेस्ट से आप अपने स्वास्थ्य से जुड़ी बातों की जानकारी नहीं पा सकतीं। इससे पता नहीं लगाया जा सकता कि गर्भ का विकास सामान्य रफ्तार से हो रहा है या नहीं! ऐसे में ब्लड टेस्ट का ऑप्शन बेहतर कहना गलत न होगा।
किट के कवर पर इसे यूज करने से जुड़ी सारी जरूरी जानकारियां लिखी होती हैं, जिसे ध्यान से पढ़ लें। इसके बावजूद, किसी भी तरह की आशंका हो तो अपने नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर से सलाह ले लें। रिजल्ट पॉजिटीव हो या नेगेटिव, अपने डॉक्टर से परामर्श करना न भूलें।
कैसे करें टेस्टघर पर किए जाने वाले ज्यादातर प्रेग्नेंसी टेस्ट में आप टॉयलेट जाकर या तो यूरीन की दो-तीन बूंदें स्पैचुलर की मदद से लेकर टेस्ट किट स्ट्रिप पर डाल सकती हैं या फिर साफ कप में यूरीन कलेक्ट करके उसमें स्ट्रिप डालकर उसकी रीडिंग चेक कर सकती हैं।
यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो टेस्ट स्ट्रिप में दो कलर्ड लाइंस नजर आएंगी। इनमें से पहली कंट्रोल लाइन है जो हमेशा ही कलर्ड रहती है जबकि दूसरी टेस्ट लाइन है, जिसमें रीडिंग के बाद यदि स्ट्रांग कलर्ड लाइन नजर आती है,
तो समझा जाता है कि रिजल्ट पॉजिटिव है। डॉ़ नीता बताती हैं कि कभी-कभार यह टेस्ट लाइन बहुत हल्की नजर आती हैं जिससे प्रेग्नेंसी की सही जानकारी नहीं मिल पाती। ऐसे में ब्लड टेस्ट के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है। वैसे, आप चाहें तो 48 घंटे बाद फिर होम किट से प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं।
कब करें टेस्ट- कुछ ऐसे भी टेस्ट हैं, जो लो लेवल के एचसीजी का भी पता लगाकर प्रेग्नेंसी से जुड़ी जानकारी दे देते हैं, लेकिन भरोसेमंद रिजल्ट के लिए बेहतर होगा कि आप पीरियड्स मिस होने के एक-दो हफ्ते बाद यह टेस्ट करें।
- निश्चित परिणाम के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट सुबह-सवेरे के पहले यूरीन से करें। पूरी रात ब्लैडर में इकट्ठा रहे इस यूरीन में दिन के यूरीन की तुलना में अधिक मात्र में एचसीजी होता है। यही वजह है कि इस यूरीन से आसानी से प्रेग्नेंसी टेस्ट का रिजल्ट पाया जा सकता है।
- यदि आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हैं, लेकिन आपका पहला टेस्ट नेगेटिव आया हो तो कुछ दिनों बाद आप फिर से इसकी जांच कर सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान बॉडी में एचसीजी की मात्र तेजी से बढ़ती है, जिससे बाद में आसानी से सही रिजल्ट पता लगाया जा सकता है।
- पूरी तरह से कन्फर्म होने के लिए डॉक्टर से इसकी जांच अवश्य करा लें। साथ ही जरूरी दवाएं और सलाह भी लेते रहें।
प्रेग्नेंसी में जो भी डाइट खाएं, हेल्दी खाएं..अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की डायटीशियन जस्मिन कौर के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान जो भी खाएं, हेल्दी खाएं। वह कहती हैं कि हमेशा की तरह इन दिनों में भी संतुलित आहार लेना सबसे जरूरी होता है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाएं आयरन रिच डाइट लें ताकि डिलिवरी के बाद आपकी बॉडी में हीमोग्लोबिन की कमी न होने पाए।
इन दिनों में अपनी डाइट में बहुत फैटी चीजें शामिल करने से बचें। जंक फूड्स अवाइड करें क्योंकि इनसे मोटापा बढ़ता है। हां, आप नॉर्मल फैट्स जैसे रिफाइंड ऑयल, थोड़ा-बहुत मक्खन, घी वगैरह ले सकती हैं, लेकिन बहुत ज्यादा तली-भुनी चीजें न लें।
बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इन दिनों आप ताजे फल, हरी सब्जियां, खट्टे यानी सिट्रस फ्रूटस वगैरह जरूर लें। इसके अलावा, जरूरी फैटी एसिड वाले नट्स, अखरोट, बादाम आदि भी लेना न भूलें। हाई प्रोटीन डाइट लें। हरी सब्जियों के अलावा दूध और दूध से बनी चीजें इन दिनों आपके लिए बेहतर होंगे।
इसके अलावा, सोयाबीन, राजमा, बीन्स, वेजिटेबल सूप्स वगैरह भी लेते रहें। यदि आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो अंडा और मछली भी खा सकती हैं। आने वाले मेहमान की हड्डियां मजबूत करने के लिए हाई कैल्शियम और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए विटामिन ई युक्त डाइट लेना न भूलें। आखिर, उसे हर तरह से मजबूत जो बनाना है!
प्रेग्नेंसी के दौरान सुबह-सवेरे आपको सर्दी, जुकाम महसूस होता रहता है। इन दिनों में आपको मिट्टी, चॉक वगैरह चबाने को जी करता है, इसे दूर करने के लिए दूध, दूध से बनी चीजें, कार्बोहाइड्रेट, चिवड़ा, पोहा, बेसन के चीले जैसी प्रोटीन युक्त डाइट लें। इनसे बॉडी में कैल्शियम की मात्र नियत रहेगी।
(सुषमा कुमारी,हिंदुस्तान,दिल्ली,23.11.2010)
बहुत सारे लोगों के काम आएगी यह पोस्ट।
जवाब देंहटाएं