रविवार, 14 नवंबर 2010

कान के ऊतकों से बहरेपन का इलाज़ करने की तकनीक विकसित

गम्भीर संक्रमण या कान बहने सरीखी बीमारियों के चलते होने वाला बहरापन अभिशाप नहीं है। मेरठ मेडिकल कॉलेज के डॉ.मनु मल्होत्रा ने यह साबित किया है। उन्होंने कान के ही ऊतकों को लेकर एक ऐसा प्रोस्थेसिस तैयार किया है, जिसे कान में लगाकर व्यक्ति बहरेपन से निजात पा सकता है। अब तक इसे लिए मरीजों को कम से कम 40-50 हजार या इससे ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते थे। साथ ही इसके दुष्प्रभाव भी थे। शनिवार को छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि द्वारा आयोजित रिसर्च शोकेस में उनके इस शोध को पुरस्कृत किया गया। डॉ.मनु ने बताया कि यह छतरी के आकार का यह प्रोस्थेसिस चूंकि मरीज के कान के ऊतकों से ही तैयार होता है, लिहाजा शरीर इसे आसानी से स्वीकार कर लेता है। उनके इस शोध को अब तक 50 मरीजों पर प्रयोग किया जा चुका है, नतीजे बेहतर आए हैं। ब्रिटेन से प्रकाशित सुप्रसिद्ध जर्नल ऑफ लैरिंगोलॉजी एंड ओटोलॉजी में वर्ष 2009 में यह शोध प्रकाशित हो चुका है। कार्यक्रम में शोधों को दो श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। इसमें चिकित्सा विवि स्तर पर डॉ.विनीता दास, डॉ.एसएन शंखवार और डॉ.ऋचा खन्ना के शोधों को सबसे बेहतर बताया गया। वहीं पूरे प्रदेश स्तर से मेडिकल, सर्जरी और नॉन क्लीनिकल क्षेत्र के शोध चयनित हुए। मेडिसिन में डॉ.जया व डॉ.जीके मलिक, सर्जरी में डॉ.वी भट्टाचार्या व डॉ.मनु मल्होत्रा और नॉन क्लीनिकल में डॉ.एसके सिंह समेत एक अन्य डॉक्टर को पुरस्कृत किया गया(दैनिक जागरण,लखनऊ,14.11.2010)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।