बुधवार, 3 नवंबर 2010

पहचान मिलावट की

शर्मा जी ने आइसक्रीम खरीदी, लेकिन पाया कि उसका टेस्ट खराब है। पैकिंग देखी तो उस पर मैन्युफैक्चरिंग डेट नहीं लिखी थी। उन्होंने काउंटर पर मौजूद शख्स से इसकी शिकायत की, तो जवाब मिला कि पैकिंग खोलने से पहले आपको यह सब देखना चाहिए था। आखिर उन्होंने आइसक्रीम वहीं फेंक दी। जाहिर है, शर्मा जी मिलावट के शिकार हो गए। जैसा शर्मा जी के साथ हुआ, वैसा किसी के भी साथ हो सकता है, खासकर आजकल, जबकि दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन एक्ट (पीएफए): हर शख्स को साफ चीजें खरीदने व खाने का अधिकार है, लेकिन अगर कोई शख्स या कंपनी आपके इस हक से आपको दूर करता है तो उसके खिलाफ पीएफए एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। खरीदारी ध्यान से: - खरीदे गए सामान के बदले बिल जरूर लें। रसीद होने पर रिटेलर सामान वापसी से इनकार नहीं कर सकता। - पिसे मसाले और सरसों का तेल केवल सीलबंद पैकिंग में ही खरीदें। - मिठाइयां और खाने का दूसरा सामान खरीदते समय शॉपकीपर से उसमें इस्तेमाल किए गए घी/तेल व रंगों की जानकारी लें। - सीलबंद सामान खरीदने से पहले पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग डेट जांच लें। - खानपान का सामान खरीदते समय वेजिटेरियन के लिए हरा निशान और नॉन-वेजिटेरियन के लिए भूरे रंग का निशान देख लेना चाहिए। - फलों, सब्जियों और दालों पर कीटनाशक व रंग लगे होते हैं। इस्तेमाल से पहले इन्हें कुछ देर पानी में भिगोकर अच्छी तरह धो लें। - खानपान की जिन चीजों में हाइड्रोजेनरेटिड वेजिटेबल फैट्स इस्तेमाल किए जाते हैं, उनके लेबल पर इस बात की घोषणा की जानी चाहिए। - किसी चीज पर 'ट्रांस फैट्स रहित' दावे की घोषणा तभी की जा सकती है, जब उसमें ट्रांस फैट्स 0.2 ग्राम से कम हो। मिलावट की जांच: दूध: दूध में यूरिया का पता लगाने के लिए टेस्ट ट्यूब में पांच मिली. दूध लेकर उसमें कुछ बूंद ब्रोमोथाइमोल ब्लू सलूशन डालें। दस मिनट बाद अगर नीला रंग दिखाई देता है तो मिलावट है। दूध में पानी की मिलावट की जांच के लिए चिकनी सतह पर दूध की बूंद गिराएं। अगर पानी मिला है तो वह बिना कोई निशान छोड़े तेजी से आगे बह जाएगा। शुद्ध दूध धीरे-धीरे बहेगा और सफेद धब्बा रह जाएगा। खोया : थोड़ा-सा खोया पानी के साथ उबालें। ठंडा होने पर उसमें आयोडीन टिंक्चर की कुछ बूंदें डालें। अगर रंग नीला हो जाए तो समझिए कि उसमें स्टार्च मिला है। घी और मक्खन : एक चम्मच घी या मक्खन लेकर उसमें बराबर मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक एसिड व थोड़ी-सी चीनी मिलाएं। अगर बर्तन की तली में एसिड का रंग लाल हो जाता है तो उसमें वनस्पति की मिलावट है। घी में आलू व शकरकंदी की मिलावट की जांच करने के लिए एक चम्मच घी में आयोडीन की बूंद डालें। मिलावट होगी तो रंग नीला हो जाएगा। खाद्य तेल : थोड़े-से खाद्य तेल में कुछ बूंद नाइट्रिक एसिड की डालकर हिलाएं। नीचे के तेल का रंग अगर लाल-भूरा हो जाए तो समझें उसमें मिलावट है। जांच के लिए लैब: दिल्ली, नोएडा व मेरठ में कई सरकारी लैब हैं। यहां आप अपने सैंपल की जांच करा सकते हैं। फीस एक हजार रुपए है। अगर आपके सैंपल में मिलावट पाई जाती है तो आपकी फीस वापस कर दी जाती है। लैब के पते ये हैं : - डायरेक्ट्रेट, पीएफए, ए-20, लॉरेंस रोड इंडस्ट्रियल एरिया, दिल्ली-110035, - फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, सेक्टर-39, नोएडा, फोन: 0120-2502028 - रीजनल एगमार्क लैब, डब्ल्यू-6, फेज-2, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, नई दिल्ली, फोन : 011-26389615 - पब्लिक हेल्थ लैब, मेरठ कॉलेज कैंपस, मेरठ, फोन: 0121-2719465 मिलावट है तो: - अगर आपको खाने के किसी सामान में मिलावट का शक होता है तो अपने एरिया के एसडीएम से इसकी शिकायत कर सकते हैं। - खाने के सामान में मिलावट का शक होने पर आप डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ प्रिवेंशन ऑफ फूड अडल्ट्रेशन, दिल्ली से भी शिकायत कर सकते हैं। - सामान खरीदने की रसीद जरूर लें। फिर मिलावट वाले सामान को पीएफए विभाग में जमा करा सकते हैं। मिलावट पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ पीएफए एक्ट के तहत केस चलता है। - दोषी शख्स को कम-से-कम छह महीने की सजा व जुर्माना दोनों हो सकते हैं। अगर मिलावट की वजह से किसी की मौत हो जाती है तो दोषी शख्स को उम्र कैद भी हो सकती है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,31.10.2010)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. लोगों को जागरूक करती रचना। बहुत अच्छी प्रस्तुति। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई! राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
    राजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब!

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  2. क्या ऐसा संभव है, कि हर चीज़ का बिल माँगा जाए.
    मुझे तो नहीं लगता. अब हम कितनी चीज़ें खरीदते हैं, हर चीज़ का बिल माँगना तो मुमकिन नहीं.

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