शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

अंतर्राष्ट्रीय मोटापा निषेध दिवस स्पेशलःतेज़ी से बढ़ रहे हैं महिलाओं में मधुमेह के मामले

दिल्ली की महिलाएं तेजी से मधुमेह की शिकार हो रही हैं। इसका सबसे ब़ड़ा कारण महिलाओं में ब़ढ़ रहा मोटापा है। पॉश कालोनियों के पार्कों में सुबह की सैर में शामिल महिलाओं की जांच में यह सामने आया है कि ज्यादातर महिलाएं मधुमेह की और पुरुष उच्च रक्तचाप के शिकार हैं।

एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा राजधानी के करीब आधा दर्जन पार्कों में सुबह की सैर में शामिल महिलाओं व पुरुषों की स्वास्थ्य जांच की गई और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। जांच में शामिल ४५ वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में २६ मधुमेह की, २४ फीसदी उच्च रक्तचाप की और १८ फीसदी कोलेस्ट्रोल की शिकार पाई गई हैं। वहीं पुरुषों में ३५ फीसदी उच्च रक्तचाप के, २३ फीसदी मधुमेह के एवं २० फीसदी कोलेस्ट्रॉल के शिकार थे। महाजन हेल्थ अवेयरनेस सोसायटी के निदेशक डॉ. राकेश महाजन के मुताबिक स्वास्थ्य के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं।

डायबिटिक कोमा का खतरा
फोर्टिस ला फेम के स्त्री व प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ डॉ. ऋषिकेश पाई के मुताबिक पुヒषों की अपेक्षा महिलाओं में डायबिटिक कोमा का खतरा ५० फीसदी अधिक होता है। इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. आरएन कालरा के मुताबिक पिछले ३० वर्षों में मधुमेह से पी़ड़ित महिलाओं के हृदयाघात से हुई मौत में २५ फीसदी का इजाफा हुआ है बिना मधुमेह हृदयाघात से मौत में २७ फीसदी की कमी दर्ज की गई है।


मोटापा और किडनी में पत्थर
फोर्टिस अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. अंशुमन अग्रवाल के मुताबिक मोटा व्यक्ति शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहता है। वह हमेशा बैठकर काम करता है, जिस कारण उसकी किडनी में स्टोन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे व्यक्ति का स्टोन निकालना भी अपने आप में एक समस्या है। मरीज के मोटे होने की वजह से इंडोस्कोपी के जरिए स्टोन की सही स्थिति का कई बार पता ही नहीं चल पाता है।


महामारी के रूप में मोटापा
प्राइमस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पीटल के एडवांस लेप्रोस्कोपिक एंड बेरियाट्रिक सर्जरी के प्रमुख डॉ. अतुल पीटर के अनुसार महानगरों में मोटापा माहमारी का रूप लेता जा रहा है। इससे बचने के लिए संतुलित खानपान व शारीरिक सक्रियता बेहद जरूरी है।

महिलाएं और मधुमेह
दिल्ली डायबिटीज रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ. अशोक झिंगन ने बताया कि मधुमेह की शिकार पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। मोटापा, खानपान की अनियमितता, स्मोकिंग व शारीरिक सक्रियता की कमी तो महिलाओं में मधुमेह का कारण है ही, उनका रजोनिवृत्ति भी एक ब़ड़ा कारण है। रजोनिवृत्ति होने के बाद उनमें मोटापा का स्तर ब़ढ़ जाता है और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, इससे इंसुलिन में कमी आ जाती है और रक्त में शर्करा की मात्रा ब़ढ़ने लगती है।


मोटापे से बचने के उपाय

*सुबह का नाश्ता पौष्टिक हो
*दिन में दो बार अधिक खाने से अच्छा है कि तीन या चार बार थो़ड़ा-थो़ड़ा कर खाएं
*चॉकलेट, चिप्स, पिज्जा, बर्गर, कोल्डड्रिंक आदि से परहेज करें
*सुबह की सैर व व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें
*धूम्रपान को त्याग दें
*नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
(संदीप देव,नई दुनिया,दिल्ली,26.11.2010)

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