रविवार, 7 नवंबर 2010

यूपीःबच्चा गोद लेने से पहले की तैयारी

प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति से सम्पर्क न करें जो आपको फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दे दे। गलत प्रमाण पत्र बनवाने का दबाव न बनाएं। ऐसा करने पर जहां आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है वहीं बच्चा गोद लेने का सपना भी अधूरा रह सकता है। आय व निवास प्रमाण पत्रों को बनवाने से पहले उसमें लगने वाले सभी दस्तावेज अवश्य संलग्न करें। इसके साथ ही दत्तक ग्रहण के आवेदन में मांगी गई सभी जानकारियों को ठीक व सही भरें। यदि आपको बच्चा गोद लेने में परेशानी हो रही है तो आप इसकी लिखित शिकायत राजकीय बालगृह (शिशु) अधीक्षक से कर सकते हैं। शिकायती पत्र के साथ आवेदन पत्र की फोटो कॉपी ही लगाये गए। सभी दस्तावेजों की प्रति अवश्य संलग्न करें। शिकायत करने के बाद आप उसकी प्राप्ति रसीद प्राप्त करें। यदि आपको कोई अन्य परेशानी हो तो आप फोन नम्बर 0522-2209910 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दि आप बच्चा गोद लेने के इच्छुक हैं तो आपका कर्तव्य है कि आप जो भी जानकारी दे रहे हैं वह पूरी तरह सत्य हो। ऐसा न होने पर जहां बच्चा मिलने में देरी होगी वहीं आपको परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है। किसी भी ऐसे व्यक्ति से जानकारी न लें जिसको दत्तक ग्रहण के बारे में कुछ न मालूम हो। आप स्वयं दत्तक ग्रहण इकाई से सम्पर्क करके उनसे सारी जानकारी हासिल करें। किसी प्रकार के प्रलोभन में न आएं। बच्चा गोद लेने से पहले आप गोद लेने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की जानकारी ले सकते हैं। यदि आवश्यक हो तो आप स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी मांग सकते हैं। आवेदन करने के बाद आप दत्तक ग्रहण इकाई कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। कई बार कार्यालय आने के बावजूद यदि आपको सही जानकारी नहीं मिल रही है तो आप राजकीय बालगृह (शिशु) अधीक्षक से सम्पर्क कर सकते हैं। उनसे संतुष्ट न होने पर बाल कल्याण समिति के सदस्यों से भी सम्पर्क किया जा सकता है।यप्रयबऐ से दम्पती जिनके कोई बच्चा नहीं है, बच्चा गोद लेने के हकदार हैं। इसके लिए पति-पत्‍‌नी दोनों की उम्र का योग 90 साल से अधिक नहीं होना चाहिए। ऐसे दम्पती आयु, स्वास्थ, चरित्र, निवास व आय प्रमाणपत्र और नोटरी द्वारा प्रमाणित शपथपत्र के साथ निर्धारित प्रारूप में,लखनऊ के प्राग नारायण रोड स्थित दत्तक ग्रहण इकाई कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं। दत्तक ग्रहण इकाई के सदस्य आपके प्रपत्रों की जांच करेंगे और न्यायालय के आदेश के बाद बच्चा गोद दे दिया जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,6.11.2010)।

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