उत्तरप्रदेश के सभी जिलों में विकलांग बच्चों के लिए रिसोर्स सेंटर खुलेंगे। सर्वशिक्षा अभियान और समेकित शिक्षा के तहत खुलने वाले इन रिसोर्स सेंटरों पर केन्द्र सरकार के 52 लाख 95 हजार रुपये खर्च होंगे। शासन ने हर जिले को 75 हजार रुपये के हिसाब से धनराशि अवमुक्त कर दी है। सर्वशिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक अशोक गांगुली ने इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इस योजना में अब दृष्टिबाधित, श्रवण बाधित, मानसिक तथा अस्थि विकलांग बच्चों को एक ही छत के नीचे फिजियोथेरेपी व स्टीमथेरेपी की सुविधा मिलेगी। सूत्रों के अनुसार रिसोर्स सेंटर में संचालित होने वाली गतिविधियों में एक्टिविटी ऑफ डेली लिविंग्स, ओरिएण्टेशन एण्ड मोबिलिटी, सम्प्रेषण क्षमता का विकास, भाषा और वाणी का विकास, आडिटरी ट्रेनिंग, ब्रेल पढ़ने लिखने के कौशल का विकास तथा पाठ्य पुस्तकों के इंलार्ज प्रिंट की सहायता से लो-विजन बच्चों के पढ़ने-लिखने की क्षमता का विकास आदि शामिल हैं। सरकार ने रिसोर्स सेंटर को ट्रेनिंग के रूप में भी विकसित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत रिसोर्स सेंटर पर अभिभावकों की काउंसिलिंग, टीचर्स की क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण तथा प्री-इंटीग्रेशन कैम्प के वार्डेन एवं स्पेशल टीचर का प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम आयोजित किया जाना शामिल है। रिसोर्ससेंटर में होंगे सारे उपकरण रिसोर्स सेंटर में हर तरह की विकलांगता के लिए अलग-अलग तरह की सामग्रियां उपलब्ध होंगी। मसलन दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ब्रेलर, ब्रेल किट विद् स्लेट, आवाज उत्पन्न करने वाली गेंद, आडियो कैसेट तथा कैपिटल लेटर वाली बुक शामिल है। इसी प्रकार श्रवण बाधित बच्चों के लिए आडियोमीटर, स्पीच ट्रेनर, सचित्र कहानी की पुस्तकें तथा आडियो कैसेट की व्यवस्था रहेगी। जबकि मानसिक विकलांग बच्चों के लिए पजल गेम, ब्लॉक एंड स्टैम्प व जिप/अनजिप किट तथा अस्थि विकलांग बच्चों के लिए सीपी चेयर, हाइट स्केल और वेट मशीन आदि उपकरण उपलब्ध रहेंगे(प्रभात कुमार पाठक,दैनिक जागरण,संत कबीर नगर,29.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।