सोमवार, 29 नवंबर 2010

पेट की बीमारियां दूर होती हैं उदर शयनासन से

आज अधिकांश व्यक्तियों को पेट संबंधी बीमारियां परेशान करती हैं। सही समय पर न खाना या असंयमित भोजन से यह समस्या लगभग सभी के साथ बनी हुई है। इससे निपटने के लिए प्रतिदिन उदर शयनासन करना श्रेष्ठ उपाय है।

उदर शयनासन की विधि

सामान्यत: इस आसन की दो विधियां हैं। किसी सुविधाजनक स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। पांवों के पंजों को परस्पर मिलाकर रखें। हाथों को कोहनियों से मोड़कर, सिर के पिछले हिस्से में इधर-उधर लगा लें। दो-दो मिनिट तकइस क्रिया को 4-5 बार अवश्य करें। दूसरी स्थिति में पहले की तरह पेट के बल लेट जाएं। पंजों को साथ-साथ मिला लें और दोनों हाथों को भी सिर के इधर-उधर से निकाल कर, पैरों की तरह सीधे तान लें। पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों को जमीन पर स्पर्श कराएं।



आसन के लाभ
इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट संबंधी कई छोटी-छोटी बीमारियां तो हमेशा दूर रहती हैं साथ ही कब्ज, एसीडिटी की समस्या कभी नहीं होती। इस आसन से अत्यधिक कार्य के बाद महसूस होने वाली थकान भी समाप्त हो जाती है। यह आसन सभी स्त्री और पुरुषों के लिए लाभदायक है। इससे सिर, छाती और पेट संबंधी विकार नष्ट हो जाते हैं(दैनिक भास्कर,उज्जैन,23.11.2010)।

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