मंगलवार, 30 नवंबर 2010

सेहत बिगाड़ सकता है मौसम का मिजाज

मौसम का तेजी से बदलता मूड सेहत खराब कर सकता है। हर रोज तापमान में आ रहे उतार-चढ़ाव के चलते इन दिनों कॉमन कोल्ड, ब्रोंकाइटिस, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश और फेफड़ों और सिर में जकड़न, अस्थमेटिक अटैक जैसी दिक्कतें बढ़ गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा, डायबीटीज, हाई बीपी, कैंसर अथवा दिल के मरीजों को हो रही है।

सीनियर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आर. एन. कालरा कहते हैं कि सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्मी देने के लिए नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे ब्लड सर्क्युलेशन कम हो जाता है और पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन नहीं मिल पाने के कारण हार्ट को आम दिनों की तुलना में कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में, अगर तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है तो शरीर एडजस्ट नहीं कर पाता है और दिक्कतें बढ़ जाती हैं। सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में भी 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाती है। कैंसर हीलर सेंटर की एक्सपर्ट डॉ. दीपिका कहती हैं कि इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से मौसमी उतार-चढ़ाव कैंसर के मरीजों को बहुत जल्दी प्रभावित करता है और दूसरे इन्फेक्शन की चपेट में आने से उनकी हालत और खराब हो जाती है। दिल्ली डायबिटिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष डॉ. ए. के. झिंगन कहते हैं कि कॉमन फ्लू जैसी समस्याहोने पर डायबीटीज के मरीजों का पूरा सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है। ठंड में बाहर जाते ही आर्टरी सिकुड़ने लगती हैं, जो कई बार स्ट्रोक या हार्ट अटैक का कारण बनती है।
 
डॉ. झिंगन कहते हैं कि समस्या से बचाव के लिए डायबिटिक और 60 से ऊपर की उम्र के लोग लिपिड प्रोफाइल (कॉलेस्ट्रॉल टेस्ट) जरूर कराएं। धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें। अगर टहलते समय घबराहट महसूस हो तो तुरंत रुक जाएं। जो लोग खून पतला करने वाली या ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने वाली दवाएं लेते हैं वे इसे नियमित रूप से लें। जिन्हें पहले से एंजाइना या स्ट्रोक हो अथवा बाईपास सर्जरी हुई हो वे खास ध्यान रखें। स्मोकिंग बिल्कुल बंद कर दें और संतुलित खानपान लें। बाहर नहीं जा सकें तो घर के अंदर ही एक्सरसाइज जरूर करें(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,29.11.2010)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।