शनिवार, 27 नवंबर 2010

मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में कृत्रिम शुक्राणु बनाने में प्रारंभिक सफलता

यह सुनने, समझने और मानने में काफी वक्त लगेगा, लेकिन वैज्ञानिकों की ओर से खोजी गई स्टेम सेल कमाल की चीज है। इससे शुक्राणु बनाए जा सकते हैं। वैज्ञानिकों को इसमें प्रारंभिक सफलता हाथ लगी है। स्पेन में स्टेम सेल कार्यशाला से लौटे डा. अनिरुद्ध सिंह ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह स्टेम सेल एंब्रियो से बनाई जा रही है। एंब्रियो स्त्री के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु के मिलन से बनता है। यह गोल सी संरचना है। एक एंब्रियो में कुल 125 कोशिकाएं होती हैं। इन्हें स्टेम सेल में बदला जाता है। डा. अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि एंब्रियो की हर कोशिका खुद में कृत्रिम शुक्राणु बनाने में सक्षम होती है। स्टेम सेल वह होती है, जो शरीर के किसी भी हिस्से का टिश्यू (ऊतक) बना सकती है या फिर रिपेयर कर सकती है।

कैसे बनेंगे शुक्राणु
एंब्रियोनिक स्टेम सेल के प्रयोग से कृत्रिम शुक्राणु बनाने में स्पेन के डाक्टरों को शुरुआती सफलता हाथ लगी है। वहां के डाक्टरों का कहना है कि अगले दस सालों में वह चिकित्सा विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत करने जा रहे हैं।
मेरठ में पहले हुआ था प्रयोग
डा. अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि अभी भारत में स्टेम सेल तकनीक विकसित नहीं है। उन्होंने बताया कि मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में डा. संदीप मित्थल के नेतृत्व में हुए एक शोध में स्टेम सेल बनाने में तो नहीं, लेकिन उसी की तरह के एक प्रयोग में कामयाबी हाथ लगी है। इस प्रयोग में एंब्रियोनिक मेंब्रेन का प्रयोग आंख और उसके आस-पास लगे घावों को भरने में किया गया है(दैनिक जागरण,मेरठ,27.11.2010)।

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