शनिवार, 27 नवंबर 2010

निजी लैब की गलत रिपोर्ट से बिखरा एक परिवार

निजी लैब की गलत एचआईवी रिपोर्ट के कारण एक नवजात की जान चली गई इसके साथ ही एक और परिवार बनने से पहले ही टूट गया। जहां, बच्चे की बुआ की सगाई हुई थी, उन्होंने यह कहते हुए रिश्ता तोड़ दिया कि परिवार के और लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे परिवार को अब न्याय की उम्मीद इसलिए जगी है क्योंकि एक पखवाड़े के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा गया है। मामला हिमाचल का है। पीडि़त दंपति ने मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से भी मामले में हस्तक्षेप कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई मांगी है। पांच नवंबर को कांगड़ा जिले के जंद्राह गांव निवासी सतीश कुमार की गर्भवती पत्‍‌नी टांडा अस्पताल में भर्ती थी। उसने एक निजी प्रयोगशाला में एचआईवी टेस्ट करवाया तो उसे बताया गया कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। डॉक्टरों ने इसी रिपोर्ट के आधार पर उसके बच्चे को एड्स की वैक्सीन दे दी जिससे बच्चे की मौत हो गई। बाद में अस्पताल की प्रयोगशाला में जांच करवाने पर रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस सब से आहत होकर बच्चे के पिता और दादी ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है। निजी लैब की गलत एचआईवी रिपोर्ट के कारण एक नवजात की जान चली गई इसके साथ ही एक और परिवार बनने से पहले ही टूट गया। जहां, बच्चे की बुआ की सगाई हुई थी, उन्होंने यह कहते हुए रिश्ता तोड़ दिया कि परिवार के और लोग भी संक्त्रमित हो सकते हैं। सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे परिवार को अब न्याय की उम्मीद इसलिए जगी है क्योंकि एक पखवाड़े के बाद मामला पुलिस तक पहुंचा गया है। पीडि़त दंपति ने मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से भी मामले में हस्तक्षेप कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई मांगी है। पांच नवंबर को कांगड़ा जिले के जंद्राह गांव निवासी सतीश कुमार की गर्भवती पत्‍‌नी टांडा अस्पताल में भर्ती थी। उसने एक निजी प्रयोगशाला में एचआईवी टेस्ट करवाया तो उसे बताया गया कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। डॉक्टरों ने इसी रिपोर्ट के आधार पर उसके बच्चे को एड्स की वैक्सीन दे दी जिससे बच्चे की मौत हो गई। बाद में अस्पताल की प्रयोगशाला में जांच करवाने पर रिपोर्ट नेगेटिव आई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस सब से आहत होकर बच्चे के पिता और दादी ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है। महिला के पति सतीश कुमार और सास माया देवी ने पुलिस में दी गई शिकायत में निजी प्रयोगशाला और चिकित्सकों के खिलाफ जांच की मांग की है। माया देवी ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज टांडा में उसकी बहू को एक निजी प्रयोगशाला द्वारा एचआईवी पॉजिटिव की गलत रिपोर्ट देने से ही उसके पोते की मौत हुई है। इसके बाद गांव वालों ने उनका सामाजिक बहिष्कार शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि आठ माह पहले ही उनकी बेटी की सगाई हुई थी। फरवरी में उसकी शादी थी जो अब वहां नहीं होगी। बच्चे की मां सदमे में है। सतीश और माया देवी ने मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और महिला आयोग की अध्यक्ष अंबिका सूद को भी पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और न्याय दिलाने की मांग की है। कांगड़ा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) दिनेश कुमार ने इस बाबत बात करने पर कहा कि थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। वैसे इस घटना के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. केएस डोगरा ने टांडा मेडिकल कॉलेज के बाहर, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सोसायटी की इजाजत के बिना संचालित तीन निजी प्रयोगशालाओं के खिलाफ कार्रवाई की है। लैब के तीन साल का रिकॉर्ड सील करने के साथ ही पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। वहीं, प्रदेश उपभोक्ता संरक्षण जागरूकता संघ के प्रदेशाध्यक्ष शक्ति चंद भी निष्पक्ष जांच चाहते हैं(दिनेश कटोच,दैनिक जागरण,कांगड़ा,27.11.2010)।

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