केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मधुमेह,दिल संबंधी बीमारियों और दिमागी दौरों की जांच और उपचार के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। पहले चरण में देश के सौ जिलों का चयन इस कार्यक्रम के लिए किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश के नौ, बिहार के छह, झारखंड के तीन और उत्तराखंड के दो जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों के स्वास्थ्य उप-केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों के जरिये इन बीमारियों की जांच के साथ-साथ उपचार के भी इंतजाम किए जाएंगे।
केंद्रसरकार ने 11वीं योजना के बाकी दो सालों के लिए इसके लिए पांच सौ करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। इसमें राज्यों की हिस्सेदारी 20 फीसदी की होगी तथा 80 फीसदी राशि केंद्र वहन करेगा। वैसे, इस कार्यक्रम को देश के 30 बड़े शहरों में भी शुरू किया जाना है जिसकी शुरूआत स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कल दिल्ली से कर भी दी है।
उत्तर प्रदेश के जिन नौ जिलों को पहले चरण की योजना के लिए चुना गया है उनमें रायबरेली, सुल्तानपुर,लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, ईटावा, ललितपुर तथा जालौन हैं। उत्तराखंड के दो जिले नैनीताल और अल्मोड़ा को कार्यक्रम के लिए चुना गया है। बिहार के कुल छह जिले इस कार्यक्रम में शामिल किए गए हैं। इनमें वैशाली, मुजफ्फरपुर,रोहतास, पश्चिमी चंपारण, पूर्बी चंपारण तथा कैमूर शामिल हैं। झारखंड के तीन जिले रांची, धनबाद तथा बोकारो शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार,राज्यों को धनराशि जारी कर दी गई है तथा इन्हें जल्द कार्यक्रम की शुरूआत करने को कहा गया है।
योजना के तहत मधुमेह, रक्तचाप आदि की जांच होगी। साथ ही, लोगों से दिल या दिमागी दौरों की पारिवारिक हिस्ट्री भी पूछीजाएगी।
(हिंदुस्तान,दिल्ली,15.11.2010)
Praiseworthy endeavor.
जवाब देंहटाएंसरकार ये क़दम स्वागत योग्य है.
जवाब देंहटाएंबहुत ही प्रशंसनीय कदम है, इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है।
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जानिए गायब होने का सूत्र।
….ये है तस्लीम की 100वीं पहेली।