केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन, चंडीगढ़ ने रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से कैंसर के उपचार किए जाने के लिए एक इलेक्ट्रानिक पोर्टल इमेजिंग डिवाइस (ईपीआईडी) का विकास किया है। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन, चंडीगढ़ के डायरेक्टर डॉ. पवन कपूर के अनुसार इसके माध्यम से कैंसर के उपचार के लिए रोगी की पोर्टल फिल्में तैयार की जाती हैं जिससे यह निर्धारित किया जाता है कि रोगी को उस स्थिति में रखा जाए जिसमें कि रोगग्रस्त क्षेत्र रेडिएशन किरण की बिल्कुल सीध में हो। इलेक्ट्रानिक पोर्टल इमेजिंग डिवाइस से ये तस्वीरें तत्काल ही मॉनिटर पर आ जाती हैं जिसमें रोगी की स्थिति का मूल्यांकन कर उसमें अपेक्षानुसार तत्काल परिर्वतन किया जा सकता है।
डॉ. पवन कपूर के अनुसार,इस उपकरण का प्रयोग खुराक, मशीन परिमापों, फील्ड पोजिशनिंग आदि त्रुटियों का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कैमरा आधारित ईपीआईडी की इंजीनियरिंग यूनिट का डिजाइन एवं निर्माण कार्य पूरा किया गया इसमें लाइनेक सिंक्रोनाइजेशन कैमरे से चित्र लेने के बहु मोड तथा लैबव्यु एनवायरमेंट में जीयूआई शामिल है।
यह प्रणाली प्रयोग करने वाले स्थल जैसे दिल्ली स्टेट कैंसर अस्पताल में परीक्षण एवं फीडबैक के लिए स्थापित किए जाने के लिए तैयार हैं। डॉ. कपूर ने कहा कि इसके अतिरिक्त इस केंद्र में एटिबायोग्राम के लिए उपकरण का भी विकास किया गया है। सीएसआईओ का चेन्नई केंद्र ने अन्ना विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रति जैविक के प्रतिरोधी सूक्ष्म जीवों की शुरू में ही पहचान के लिए एक उपकरण का विकास किया है। एंटिबायोग्राम माइक्रोबायोलाजी प्रयोगशाला में कल्चर एवं एंटिबायोटिक आंकड़ों को प्राप्त करने के लिए होता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग किसी विशिष्ट रोग के लिए उपयुक्त एंटिबायोटिक का निर्धारण करने के लिए भी किया जाता है। सूक्ष्म जीव विभिन्न एंटिबायोटिक के प्रतिरोधक होते हैं इसलिए परंपरागत पद्धति से उपयुक्त एंटिबायोटिक की पहचान करने में काफी समय लग जाता है। डॉ. कपूर का मानना है कि इस कार्य का उद्देश्य बैक्टीरिया की एंटिबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधकता का मूल्यांकन करने के लिए साधारण पद्धति का विकास करना व संवेदी आधारित उपकरण तैयार करना है(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,19.11.2010)।
ये हमारे लिए नई जानकारी है। आभार। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंफ़ुरसत में .... सामा-चकेवा
विचार-शिक्षा