अगले साल के शुरू में दिल्ली सरकार के अस्पतालों को अडवांस डायग्नोस्टिक सुविधाओं से लैस करने की तैयारी है। इन सेवाओं को चलाने की जिम्मेदारी किसी प्राइवेट कंपनी को सौंपी जाएगी, फिर भी रेट प्राइवेट सेंटरों के मुकाबले आधे होंगे। स्वास्थ्य मंत्री किरण वालिया के मुताबिक, इस पहल का मकसद सारे अस्पतालों में किसी भी वक्त मरीजों को जरूरी जांच सुविधाएं माकेर्ट से कम रेट पर मुहैया कराना है। जांच के लिए प्राइवेट इमेजिंग सेंटरों में नहीं जाना पड़ेगा। अस्पतालों में पहले से चल रही मशीनें चलाने की जिम्मेदारी भी संबंधित कंपनियों को सौंपी जा सकती है।
दरअसल, जांच सेवाएं पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत आ जाएंगी। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है और एक से डेढ़ महीने में टेंडर जारी किया जाएगा। इसमें 50 बेड और इससे ज्यादा वाले सभी अस्पताल शामिल होंगे। अस्पतालों में मरीजों और बिस्तरों की संख्या के अनुपात में मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और डेंटल एक्सरे की मशीनें हर जगह होंगी।
सीटी स्कैन, एमआरआई, मेमोग्रफी, बोन डेंसिटोमेट्री और फ्लूरोस्कोपी जैसी जांच सुविधाएं कुछ चुनिंदा अस्पतालों में लगाई जाएंगी। पहले की तरह ही बीपीएल कार्डधारकों के लिएसेवाएं मुफ्त और बाकी मरीजों के लिए सीजीएचएस रेट पर उपलब्ध होंगी। रेट पर छूट के लिए कंपनी के साथ 10 बरसों का समझौता होगा। डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए प्राइवेट पार्टनर कंपनी 24 घंटे का कॉल सेंटर शुरू करेगी और जरूरत पड़ने पर मरीज को ट्रांसपोर्ट भी मुहैया कराएगी।
किरण वालिया ने बताया कि इसके लिए 23 अस्पतालों को दो क्लस्टर में बांटा गया है। क्लस्टर-1 के हॉस्पिटल हैं : एलएनजेपी, डीडीयू, गुरु गोबिंद सिंह, भगवान महावीर, राजा हरिश्चंद्र, महर्षि बाल्मीकि, बाबू जगजीवन राम, संजय गांधी मेमोरियल, राव तुला राम, आचार्य भिक्षु, दादा देव, सरदार वल्लभ भाई पटेल। क्लस्टर-2 के हॉस्पिटल हैं : हेडगेवार, जगप्रवेश चंद, लाल बहादुर शास्त्री, अरुणा आसफ अली, एनसी जोशी, मदन मोहन मालवीय, चाचा नेहरू, जीबी पंत, जीटीबी, कांति नगर मैटरनिटी हॉस्पिटल।
गौरतलब है कि यह योजना कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले लागू होने वाली थी, मगर ऐसा नहीं हो पाया। हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि गेम्स से जुड़ी तैयारियों पर ध्यान होने की वजह से इस योजना पर काम नहीं हो पाया, लेकिन अब इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी(नीतू सिंह,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.11.2010)।
किरण वालिया ने बताया कि इसके लिए 23 अस्पतालों को दो क्लस्टर में बांटा गया है। क्लस्टर-1 के हॉस्पिटल हैं : एलएनजेपी, डीडीयू, गुरु गोबिंद सिंह, भगवान महावीर, राजा हरिश्चंद्र, महर्षि बाल्मीकि, बाबू जगजीवन राम, संजय गांधी मेमोरियल, राव तुला राम, आचार्य भिक्षु, दादा देव, सरदार वल्लभ भाई पटेल। क्लस्टर-2 के हॉस्पिटल हैं : हेडगेवार, जगप्रवेश चंद, लाल बहादुर शास्त्री, अरुणा आसफ अली, एनसी जोशी, मदन मोहन मालवीय, चाचा नेहरू, जीबी पंत, जीटीबी, कांति नगर मैटरनिटी हॉस्पिटल।
गौरतलब है कि यह योजना कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले लागू होने वाली थी, मगर ऐसा नहीं हो पाया। हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि गेम्स से जुड़ी तैयारियों पर ध्यान होने की वजह से इस योजना पर काम नहीं हो पाया, लेकिन अब इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी(नीतू सिंह,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.11.2010)।
आशा की किरण लेकर आई हैं किरण वालिया जी... बस देखना है चलता कैसा है यह कार्यक्रम!!
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