शनिवार, 13 नवंबर 2010

मोटापा घटाने वाली दवा पर रोक

देश में मोटापा घटाने वाली सबसे लोकप्रिय दवा सिबुट्रामाइन पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अस्थाई रोक लगा दी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने विशेषज्ञ कमेटी के साथ हुई बैठक में इस दवा पर अस्थाई रोक लगाने पर मुहर लगाई। अब से देश में करोड़ों रुपए का कारोबार करने वाली सिबुट्रामाइन की दवाइयां जैसे रेडूक्टिल, मेरिडिया और सिबूट्रेक्स दवा की दुकानों में नहीं बिक सकेंगी। कमेटी ने इन घातक दवाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजने का भी फैसला किया है। डीसीजीआई प्रमुख सुरिंद्र सिंह ने भास्कर को बताया ‘मोटापा घटाने के लिए देश में इस्तेमाल होने वाले सिबुट्रामाइन की सभी दवाओं पर केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी ने अस्थाई रोक लगा दी है। इस निर्णय के बाद भारत में इस दवाई को बनाने या आयात करने पर अस्थाई रोक लग गया है।’ डीसीजीआई प्रमुख ने आगे कहा ‘विशेषज्ञ कमेटी ने अस्थाई रोक का निर्णय ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट की धारा 26-ए के तहत लगया है। ’ उल्लेखनीय है कि मोटापा घटाने वाली दवा सिबुट्रामाईन और आर- सिबुट्रामाईन किसी भी व्यक्ति के वजन में बहुत जल्द कमी ला देता है। पर पूरी दुनिया में कराए गए स्वास्थ्य शोधों में यह साबित हो चुका है कि इस दवा से शरीर में कई घातक प्रतिक्रियाएं भी होती हैं। जिससे व्यक्ति की मौत तक हो जाती है। हाल ही में अमेरिका, यूरोप, कोरिया और चीन जैसे देशों ने इस दवा के उत्पादन या आयात में पूरी तरह से रोक लगा दिया है। सूत्रों का कहना है कि विशेषज्ञ कमेटी द्वारा इस दवा की ओर पर सोमवार को आधिकारिक रूप से निर्देश जारी किया जाएगा। कमेटी ने इन घातक दवाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के पास भेजने का फैसला किया है। सूत्र बताते हैं कि अगले दो हफ्ते के भीतर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा औपचारिक अनुमति के बाद इसे देश में बनाने, बेचने या आयात करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाएगी(दैनिक भास्कर,दिल्ली,13.11.2010)।

4 टिप्‍पणियां:

  1. यह तो होना ही था। हम मोटे लोगों की खैर नहीं।

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  2. हमे तो इसके आने का ही पता नही चला। चलो कुछ और देखते हैं ये कम्बख्त मोतापा जान नही छोडता।

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  3. मोटापा कैसे कम हो समझ नहीं आता |कहना बहुत सरल है मोटापा घटाओ पर हम तो हवा खा कर भी दुबले नहीं होते |
    आशा

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