क्या आप डीएनए घर लेकर जाना चाहते हैं? चौंकिए मत जनाब! वैज्ञानिक यह पेशकश प्रगति मैदान में रविवार से शुरू दक्षिण एशिया के सबसे बड़े 30वें भारतीय अंतरराष्ट्री व्यापार मेले में कर रहे हैं। आप इस तकनीक का फायदा उठा सकते हैं।
व्यापार मेले में सीएसआईआर के टेक्नोफेस्ट में इंस्टीटय़ूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंट्रीगेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के स्टॉल में वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का प्रदर्शन किया है।
आईजीआईबी के पीएचडी छात्र ने बताया कि हम थूक के जरिए अपनी जांच कर रहे हैं। थूक में मेम्ब्रेन होता है और इसमें कोशिकाएं होती हैं। रसायन के प्रयोग से मेम्ब्रेन को फाड़ा जाता है जिससे यह बड़ा हो जाता है। इसके बाद इसकी कोशिकाओं से डीएनए निकाल लिया जाता है। मेंबरेन की कोशिकाओं से डीएनए निकाल लिया जाता है। आईजीआईबी दिल्ली की वरिष्ठ वैज्ञानिक मिताली मुखर्जी ने बताया कि डीएनए को अलग करना बिल्कुल आसान है। हम लोगों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए पेशकश कर रहे हैं कि अपना डीएनए अपने साथ घर ले जाएं। पूरी प्रक्रिया में कुछ मिनट ही लगते हैं और युवा वैज्ञानिक डीएनए अलग कर एक छोटी शीशी में संरक्षित रूप में दे देते हैं। सीएसआईआर के महानिदेशक समीर के ब्रह्मचारी के मुताबिक यह डीएनए पूरी तरह शुद्ध नहीं है। ऐसे में इस डीएनए से किसी बड़े नजीते के बारे में पता करना कठिन है। यदि आप इसे डीएनए के शुद्ध रूप में तब्दील करना चाहते हैं तो इसे रासायनिक तौर पर अधिक सांद्र करना होगा।
हमारा मकसद आम लोगों तक विज्ञान पहुंचाने का है और यह ट्रेड फेयर हमें लोगों तक पहुंचा रहा है। सीएसआईआर के स्टॉल पर लोगों की काफी भीड़ देखी गई। लोग इस मनोरम याद को घर लेकर जा रहे हैं।
- समीर के ब्रह्मचारी, महानिदेशक सीएसआईआर
कैसेः
डीएनए टेस्ट लेने के लिए व्यक्ति का थूक लिया जाता है।
कितनी देरः
पूरी प्रक्रिया में मुश्किल पांच से सात मिनट का समय लगता है।
कहां-
सीएसआईआर का हॉल नंबर 11
कैसे पहुंचें-
मैट्रो के एग्जिट से निकलने के बाद गेट नंबर सात पर आकर सीधा आकर बाएं मुड़ जाएं। आम जनता के लिए 19 नवंबर से खुलेगा।
कब तकः
9:30 से 7: 30 तक
(अनुराग मिश्र,हिंदुस्तान,15.11.2010)
दैनिक जागरण की रिपोर्टः
क्या आप अपना डीएनए यानी विशिष्ट वंशागत जानकारी अपने घर ले जाना चाहते हैं? वैज्ञानिक यह पेशकश दिल्ली के प्रगति मैदान में रविवार से शुरू हुए भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आइजीआइबी) के स्टाल में कर रहे हैं। आइजीआइबी की वरिष्ठ वैज्ञानिक मिताली मुखर्जी के अनुसार, डीएनए को अलग करना आसान है। हम लोगों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए यह पेशकश कर रहे हैं कि अपना डीएनए अपने साथ घर ले जाएं। फिर आप अपने आनुवांशिक लक्षणों से ठीक तरह से वाकिफ हो सकते हैं। पूरी प्रक्रिया में केवल कुछ मिनट लगते हैं और वैज्ञानिक डीएनए अलग कर एक नन्हीं सी शीशी में संरक्षित रूप में उस शख्स को दे देते हैं, जिसका डीएनए है। रविवार को पूरे दिन आइजीआइबी का यह स्टाल मेले में आए लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। लोग अपने से जुड़ी बेहद खास जानकारी को घर ले जाने को इच्छुक दिखे। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने सीएसआइआर टेक्नोफेस्ट स्थित इस स्टाल का उद्घाटन किया। सीएसआइआर के महानिदेशक समीर ब्रह्मचारी ने कहा, हमारे लिए यह सीएसआइआर की प्रयोगशालाओं में शोध कार्यो में जुटे करीब 4,000 वैज्ञानिकों के किए काम को दिखाने का एक सुनहरा अवसर है। डिऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड यानी डीएनए। मानव सहित सभी प्राणियों में वंशानुगत लक्षणों का प्रतिनिधित्व करने वाला तत्व है। यह वह तत्व है जिसके जरिए प्राणी खास तरह के लक्षण एक से दूसरी पीढ़ी में ले जाता है।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंविचार-परिवार
बहुत ही रोचक जानकारी दी है ... आभार
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