अब कोई भी बच्चा रतौंधी व अंधता से पीडि़त नहीं होगा। वह मानसिक व शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहेगा। यूनीसेफ के साथ ही अब अंतर्राष्ट्रीय संस्था माइक्रोन्यूट्रिएंट एनेसेटिव भी बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रदेश में काम करेगी। इसके लिए यूपी में 71 जिलों के 9 माह से 5 साल के 5.22 करोड़ बच्चों को विटामिन ए की दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। बच्चों को रतौंधी, अंधता आदि बीमारियों के साथ कुपोषण से बचाने के लिए इस बार अंतरराष्ट्रीय संस्था माइक्रोन्यूट्रिएंट एनेसेटिव इंडिया को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह संस्था यूनीसेफ के पाटर्नर के रूप में बाल स्वास्थ्य के लिए काम करेगी। संस्था ने परिवार कल्याण विभाग के सहयोग से प्रदेश के 71 जिलों में इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए विटामिन ए की दवा खिलाने का कार्यक्रम तय किया है। संस्था के मंडल समन्वयक अंकित मिश्रा के अनुसार दो माह के भीतर प्रदेश के 5 करोड़ 22 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा भेजने का लक्ष्य तय किया है। जिला मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आरपी तिवारी का कहना है कि विटामिन ए की खुराक च्च्चों के लिए संजीवनी की तरह है(दैनिक जागरण,शाहजहांपुर,25.11.2010)।
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