छत्तीसगढ़ में सिकलसेल एनीमिया पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और कांगो गणतंत्र की प्रथम महिला एन्टोनिट्टे शामिल होंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस महीने की 22 तारीख से सिकलसेल एनीमिया बीमारी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। छह दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में देश के पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम और अफ्रीकी देश कांगो गणतंत्र की प्रथम महिला एन्टोनिट्टे सस्साऊ को अति विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
यह सिकलसेल एनीमिया पर चौथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के दो सौ प्रतिनिधियों सहित विदेशों के भी करीब एक सौ प्रतिनिधि शामिल होंगे। रायपुर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से इस संबंध में केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय नीति बनाने का सुझाव देते हुए एक आधार पत्र प्रस्तुत किया जाएगा तथा छत्तीसगढ़ में सिकलेसल की रोकथाम और इस बीमारी के इलाज के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की जा रही तीन वर्षीय कार्य-योजना का शुभारंभ भी किया जाएगा।
इस कार्य योजना में राज्य के 14 वर्ष से 18 वर्ष तक आयु समूह के सभी बच्चों और किशोरों के रक्त परीक्षण सहित गर्भवती माताओं के रक्त परीक्षण का भी प्रावधान रहेगा। सम्मेलन के दौरान स्थानीय जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध डाक्टर भीमराव अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में सिकलसेल मरीजों के लिए एकल-खिड़की प्रणाली के तहत विशेष चिकित्सा प्रकोष्ठ का भी शुभारंभ किया जाएगा।
इस प्रकोष्ठ में सिकलसेल एनीमिया की जांच और इस बीमारी के मरीजों के लिए हर जरूरी डॉक्टरी परीक्षण की व्यवस्था रहेगी, जिससे उन्हें परीक्षणों के लिए अलग-अलग क्लिनिकों में न जाना पड़े। उनके लिए 20 या 30 बिस्तरों का भी अलग से इंतजाम इस विशेष प्रकोष्ठ के अंतर्गत किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग तथा जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर द्वारा आयोजित किए जा रहे इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील तथा अफ्रीकी देश कांगो, गेबॉन, कैमेरून तथा एशिया महाद्वीप से सऊदी अरब के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि भारत के उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, गुजरात आदि अनेक राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के सचिव स्तरीय वरिष्ठ अधिकारी और विषय विशेषज्ञ भी सम्मेलन में शिरकत करेंगे। 22 नवम्बर से 27 नवम्बर तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के विभिन्न सत्रों का आयोजन मेडिकल कॉलेज तथा यहां के अन्य जगहों में भी किया जाएगा। अलग-अलग सत्रों में इस विषय पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों द्वारा अपने कई महत्वपूर्ण शोध पत्र भी प्रस्तुत किया जाएगा।
प्रथम सत्र में सिकलसेल एनीमिया पर सरकारी नीति के बारे में भी एक वक्तव्य होगा, जिस पर सामूहिक चर्चा होगी। इसी तरह अन्य सत्रों में भी शोध पत्रों और आलेखों पर सामूहिक विचार-विमर्श किया जाएगा(दैनिक जागरण,रायपुर,17.11.2010)।
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