शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010

राजस्थानःग्रामीण स्वास्थ्य सेवा निजी क्षेत्र के हवाले करने की तैयारी

राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने गांवों की चिकित्सा सेवाओं को निजी हाथों में सौंपने का मसौदा तैयार किया है। योजना को सरकार की मंजूरी का इंतजार है। सरकार की हरी झंडी मिलते ही गांवों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी ) और उपस्वास्थ्य केन्द्रों के प्रबन्धन को निजी कंपनी या फिर एनजीओ को दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार चिकित्सा विभाग ने सेफू संस्था को इसका प्रोजेक्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी। प्रोजेक्ट का प्रजेन्टेशन एक नवम्बर को मुख्य सचिव एस.अहमद के सामने रखा जाएगा। आवश्यक संशोधनों को बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा। मंजूरी मिली तो संभवत आगामी साल में सीएचसी और पीएचसी के प्रबन्धन की जिम्मेदारी निजी हाथों में चली जाएगी। क्या है प्रस्तावः प्रस्ताव में गांवों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में जस की तस स्थिति में निजी कंपनियों, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, मेडिकल प्रेक्टिशनर्स इत्यादि को दिए जाने की योजना है। इसके तहत यहां सरकारी डॉक्टर ही चिकित्सा सेवाएं देंगे, लेकिन उनके प्रबन्धन का अधिकारी निजी क्षेत्र में दे दिया जाएगा। प्रबन्धन के अलावा इनके रखरखाव, जांच मशीनें, उपकरण इत्यादि भी स्थापित करने की जिम्मेदारी भी अधिग्रहित करने वाले की होगी। क्या होगा फायदाः वर्तमान में गांवों के इन अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं को सुधारने के अथक प्रयास के बावजूद स्थिति बेहतर नहीं हो सकी है। डॉक्टर भी सेवाओं को सुधारने पर इतना ध्यान नहीं देते हैं। मरीज के इलाज में कोताही बरतने की शिकायते आम है। लोगों का भी इन सेन्टरों पर विश्वास कम रहता है। निजी हाथों में इनकी जिम्मेदारी जाने पर डॉक्टर समय पर अस्पताल आएंगे। मरीजों को सेवाएं बेहतर मिलेगी। निजी कंपनी प्राइवेट अस्पतालों की तरह अत्याधुनिक मशीनों के साथ इलाज की सेवा मिल सकेगी। लोगों का विश्वास भी सरकारी डॉक्टरों पर बढ़ सकेगा। साथ ही सरकार को सालाना करोड़ों रुपए का इन पर होने वाला खर्च बचेगा। इनका कहना हैः राज्य के सीएचसी, पीएचसी और सब सेन्टरों के लिए यह पूरा प्लान सेफू ने तैयार किया है। प्रस्ताव को शीघ्र मुख्य सचिव एस.अहमद के सामने रखा जाएगा, इसके बाद सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। - बीएन शर्मा, प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा विभाग(दैनिक नवज्योति,जयपुर,29.10.2010)।

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