ब्रिटेन की फार्मा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (जीएसके) 75 करोड़ डॉलर का जुर्माना चुकाने पर राजी हो गई है। प्वेर्टो रिको में इसके प्लांट (अब बंद) में मिलावटी दवाएं बनाए जाने और डिस्ट्रिब्यूट करने के मामले में सिविल और क्रिमिनल चार्ज खत्म करने के लिए यह रकम दी जाएगी। यह कंपनी भारत में भी कई दवाएं बेचती है।
यहां जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया कि जीएसके की सब्सिडरी एसबी फार्मा प्वेर्टो रिको ने आरोपों को मान लिया है। कंपनी 15 करोड़ डॉलर क्रिमिनल फाइन देगी, जबकि 60 करोड़ सिविल हर्जाना। सरकारी जांच खत्म कराने के लिए किसी दवा कंपनी की ओर से दी गई यह सबसे बड़ी राशियों में एक है। इससे पहले फाइजर ने रेकॉर्ड 2.3 अरब डॉलर चुकाए थे। उस पर आरोप थे बिना मंजूरी इस्तेमाल के लिए उसने गलत तरीके से दवाओं को बढ़ावा दिया।
ग्लैक्सो ने 2001 से 2005 के बीच मितली की दवा काइटिरिल, एंटी इन्फेक्टिव बैक्ट्रोबैन, डायबीटीज की दवा एवेंडामेट और स्किन इन्फेक्शन की दवा पैक्सिल सीआर में मिलावट होने दिया था। ग्लैक्सो कहा है कि हम अभी दवा बनाने में जो क्वॉलिटी अपनाते हैं, वह प्वेर्टो रिको में नहीं थी, इसका हमें अफसोस है(इकनॉमिक टाइम्स,28.10.2010)।
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