आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस बीमारी से तीन करोड़ 80 लाख मरीज ग्रस्त हैं। चालीस साल से ऊपर की उम्र की तीन में से एक महिला और पांच में से एक पुरुष इस बीमारी से ग्रस्त है। इस बीमारी से ग्रस्त लोगों की हड्डी टूट जाती है तो उनमें से बीस फीसदी लोगों की साल भर के अंदर ही मौत हो जाती है। इसलिए बचाव इस बीमारी का सबसे बेहतर उपाय है। क्या है ऑस्टियोपोरोसिस शरीर में कैल्सियम की कमी से इस बीमारी का जन्म होता है। साथ ही अच्छा खान-पान व विटामिन डी की कमी और नियमित व्यायाम के अभाव में लोग ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रस्त हो जाते हैं। कैल्सियम की कमी से हड्डियां खोखली व कमजोर पड़ने लगती हैं और हल्का दबाव पड़ने पर ही हड्डी टूट जाती हैं। ऐसी स्थिति में हड्डी का फिर से जुड़ना मुश्किल हो जाता है। महिलाओं में आम है यह बीमारी बीएल कपूर अस्पताल के डाक्टर दिनेश कंसल का कहना है कि ज्यों-ज्यों औरतों की उम्र बढ़ती जाती है। उनके शरीर में एस्ट्रोजोन का स्तर का घटता जाता है और उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका बढ़ने लगती है। ऐसी औरतें, जो प्रजनन काल में गर्भ निरोधक गोलियां खाती हैं, उनमें इस बीमारी की आशंका कम होती है। उन्होंने बताया कि चूंकि गर्भ निरोधक दवा में एस्ट्रोजोन भी पाया जाता है जो शरीर में इसकी कमी को दूर करता है। यही वजह है कि ऐसी महिलाओं में इसका असर होने की आशंका कम होती है। यह बीमारी केवल रजोवृत्ति के बाद ही महिलाओं को प्रभावित करती है, यह गलत धारणा है। ऐसी युवा महिलाएं जिसे पर्याप्त पोषण नहीं मिलता, वे भी इस बीमारी का शिकार हो सकती हैं। बीमारी होने के दौरान इसका पता नहीं चलता एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. पीके दवे का कहना है कि जब लोग इस बीमारी के शिकार होते हैं, उस समय उन्हें इस बारे में पता नहीं चल पाता है। एक समय बाद जब उनकी हड्डियां जवाब देने लगती हैं। इसके बाद डॉक्टर को दिखाने के बाद पता चलता है कि वे ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी से ग्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को इससे बचाने के लिए शुरू से रोज 12 सौ से 14 सौ मिलीग्राम कैल्सियम दिया जाना चाहिए। भोजन में कैल्सियम के अलावा विटामिन, प्रोटीनयुक्त चीजों खानी चाहिए। दूध, दही, पनीर व अंडे का सेवन करें। फिट रहने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। सुबह की धूप का सेवन जरूर करें(दैनिक जागरण,दिल्ली,20.10.2010)।
इस समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करती रचना।
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