गुरुवार, 21 अक्टूबर 2010

जर्मन कम्पनी ने भारत में पेश किया नया पेसमेकर

आपने अपने दिल में लेटेस्ट पेसमेकर लगाया है तो आपको प्यार में मिले धोखे को झेलने में भी आसानी होगी। पेसमेकर आपके दिल को बैठने नहीं देगा। गुस्सा, निराशा, अवसाद, घृणा, आवेश जैसे दिल पर होने वाले अन्य "इमोशनल अत्याचार" से भी पेसमेकर आपकी रक्षा करेगा। पेसमेकर की जो नई पीढ़ी बाजार में आ रही है, उनके "भावुक" होने की बात भले ही अजीब लगे लेकिन पेसमेकर की मार्केटिंग का नया फंडा यही है। जर्मनी की कंपनी बायॉट्रानिक ने भारत में पेसमेकर का जो लेटेस्ट मॉडल "ईवीआई प्रोएमआरआई" पेश किया है, उसकी दूसरी खासियत यह है कि इस पर एमआरआई जांच का कोई असर नहीं होता। कुछ समय पहले पेसमेकर लगाए दिल के मरीजों के लिए एमआइआई कराना बेहद जोखिम भरा था। पेसमेकर व एमआरआई के विद्युत प्रवाह के टकराव से कभी कभी मरीजों की मौत भी हो जाती थी। लेकिन अब पेसमेकर व एमआरआई की जुगलबंदी का युग आया है जिसे दिल के मरीजों के लिए वरदान माना जा रहा है। अभी-अभी दिल्ली में पहली बार ५४ साल की मधुमेह की मरीज महिला में यह लेटेस्ट पेसमेकर लगाने वाले मैक्स हेल्थ केयर के कार्डियॉलॉजी प्रमुख डॉ. मोहन नायर ने कहा कि पेसमेकर की तकनीक को लगातार दिल की नजाकत के अनुरूप ढाला जा रहा है। हमें पता नहीं चलता लेकिन जब हमारा दिल तेज भावनात्मक उद्वेग से गुजरता है तो धड़कन को चालू रखने वाला विद्युत प्रवाह को भी प्रभावित करता है। लेटेस्ट पेसमेकर दिल के भावुक पहलू को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ी जरूरत थी पेसमेकर को ऐसा बना देना ताकि इमेजिंग की बेहद उपयोगी मशीन एमआरआई के प्रभाव से पूरी तरह से अछूता रहे। लेटेस्ट पेसमेकर लगाने वाले अब बेखौफ एमआरआई करा सकेंगे। इंडियन हार्ट रिद्म (लय) सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. नायर ने कहा कि यह भी एक भ्रम ही है कि पेसमेकर लगाने वालों को सेलफोन से बचना चाहिए। लेटेस्ट पेसमेकर के सेलफोन से प्रभावित होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता(नई दुनिया,दिल्ली,21.10.2010)।

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