डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों के कारण पहले ही हाई रिस्क जोन में चल रहे चंडीगढ़ के लोगों के लिए दिल के रोगों का खतरा देश में सबसे ज्यादा है। देश के दूसरे शहरों के मुकाबले चंडीगढ़ का दिल के रोगियों का अनुपात सबसे ज्यादा है।
यह बात सफोला लाइफ 2010 स्ट्डी में सामने आई है। सिलचर ओक्स हॉस्पिटल मोहाली के डॉ. अरविंद कौल ने यह स्ट्डी की है। स्ट्डी के मुताबिक शहर के लोगों को खान पान और रहन सहन के कारण कार्डियोवेस्कुलर डिस्ऑर्डर का खतरा है।
स्टडी में देश के विभिन्न शहरों को शामिल किया गया था। जिसमें यह सामने आया कि चंडीगढ़ के लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा है। देश की 44.8 फीसदी आबादी को दिल के रोगों का खतरा है, जबकि चंडीगढ़ में यह अनुपात सबसे ज्यादा 59.1 फीसदी है। चंडीगढ़ के बाद बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद का नंबर है। स्ट्डी के मुताबिक मोटापा दिल के रोगों का मुख्य कारण है।
मोटापे की वजह खानपान नहीं बल्कि जेनेटिक है। डॉ. कौल ने स्ट्डी में बताया है कि पुरुषों में 30 से 39 साल की उम्र में दिल के रोगों का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। जबकि महिलाओं में 50 से 59 साल के बीच यह खतरा सबसे ज्यादा रहता है(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,25.10.2010)।
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