स्वास्थ्य सेवाओं ने मेडिकल टेक्सटाइल के कारोबार की गति भी बढ़ा दी है। हालांकि वैश्विक स्तर पर अभी भी देश में मेडिकल टेक्सटाइल के लिये अपार संभावनाए हैं। मेडिकल टेक्सटाइल में वूवन व नॉन वूवन दोनों तरह के टैक्सटाइल की मांग बढ़ रही है। टेक्सटाइल से जुड़ी इकाइयां मेडिकल टेक्सटाइल से जुड़े उत्पादों में निवेश कर मार्केट में प्रसार कर सकती हैं। टेक्सटाइल में बढ़ रही प्रतिस्पद्धा के चलते टेक्सटाइल उद्यमियों के लिये अब सामान्य गारमेंट्स से हटकर विशेष गारमेंट्स की तरफ रुझान करना चाहिये।
नार्दन इंडिया टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन (निटमा) के कनवीनर जे.एन वोहरा के मुताबिक टेक्सटाइल का क्षेत्र लगातार फैल रहा है। टेक्नीकल टेक्सटाइल में ही दर्जन भर से ज्यादा विभिन्न तरह के उत्पाद शामिल हो चुके हैं। इसलिये समयके साथ साथ इंडस्ट्री को भी अपना कारोबार बढ़ाने के लिये डायवर्सिफिकेशन की तरह मुडऩा चाहिये। मेडिकल टेक्सटाइल की मांग लगातार बढ़ रही है लेकिन अभी इस सबंध में उद्यमी तेजी से विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि इस सेक्टर में काफी संभावनायें मौजूद हैं। अस्पतालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है वहीं जनसंख्या बढऩे के साथ बीमारों की संख्या भी बढ़ रही है। जिससे मेडिकल टेक्सटाइल की मांग भी बढ़ रही है।
देश में मेडिकल टूरिज्म में 17 फीसदी की विकास दर आंकी जा रही है। अस्पतालों में मरीजों की देखरेख के लिये उपयोग होने वाले सेनेटरी नेपकिन, सर्जिकल ड्रैसिज, दस्तानें, फेस कवर इत्यादि की मांग बढ़ रही है। देश की कई कंपनियां हैं जो इस कारोबार में विस्तार कर रही हैं। जिसमें जिंदल कोटेक्स, गिनी फिलामेंट व कारोल ओटो ब्राउन मुख्य रुप से शामिल हैं। गिनी फिलामेंट ने गुजरात व हरिद्वार में टेक्नीकल टेक्सटाइल के साथ साथ मेडिकल टेक्सटाइल में निवेश किया है।
कारोबार से जुड़े उद्यमियों के मुताबिक मेडिकल टेक्सटाइल में रूई,पट्टी से लेकर बैड शीट, मरीजों व ऑपरेशन करने वाले अधिकारियों के ड्रैस व बच्चों के डायपर शामिल हैं। मेडिकल टेक्सटाइल उत्पादन के लिये विदेशों से ही मशीनें आ रही हैं। जिनकी कीमत इनकी उत्पादन क्षमता के लिहाज से है। जर्मन से भी बड़े स्तर पर टेक्सटाइल मशीनों का आयात हो रहा है। मेडिकल टेक्सटाइल कंपनियां हेल्थकेयर उत्पादन बेच रही कंपनियों से समझौते कर अपने उत्पादन यूनिट लगा रही है।
संभावनाएं-
अस्पतालों की संख्या लगातार बढऩे से मेडिकल टेक्सटाइल में संभावनाओं का नया दौर शुरू हुआ है।
बाजार-
विशेषज्ञों के मुताबिक मेडिकल टेक्सटाइल की मौजूदा विकास दर 20 फीसदी के करीब है।
अवसर-
सेनेटरी नेपकिन व सर्जिकल ड्रैसिंग के क्षेत्र में कारोबारी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं(नरेश बातिश लुधियान,दैनिक भास्कर,25.10.2010)।
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