लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने पर कंधे और कुहनियां जकड़ जाती हैं। कुछ व्यायाम ऐसे हैं, जिन्हें करके आप इन जोड़ों को दुरुस्त रख सकते हैं।
क्या आपने महसूस किया है कि ऊपर की शेल्फ में रखी किताब निकालने में आपके तलवे दर्द करने लगते हैं। आपको ऐसा भी लगता है कि डिनर के समय जब आपसे कोई नमक मांगता है तो इसे देते वक्त आपकी कुहनी दुखती है। या फिर जब आप कुर्सी से उठने लगते हैं, तब आपके घुटनों में दर्द होता है। यदि इन सबका जवाब हां है, तो आप भी जोड़ों की बीमारियों के शिकार हैं।
आर्थराइटिस समेत सैकड़ों ऐसी बीमारियां हैं,जो जोड़ों में दर्द की वजह से होती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक,दुनिया भर में लाखों लोग इसके शिकार हैं। जिस तरह से पचास साल की उम्र से ऊपर के लोग उसका शिकार हो रहे हैं,अनुमान है कि 2020तक इससे प्रभावित लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। ये रिसर्च स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी ने किए हैं। यूनिवर्सिटी जोड़ों के दर्द से बचने के लिए एक अभियान के तहत लोगों को जागरूक कर रही है।
रिसर्च में कहा गया है कि जोड़ों के दर्द को शुरू से ही हल्के में नहीं लेना चाहिए। हममे से ज्यादातर लोग इसे लेकर लापरवाही करते हैं। अगर शुरू में ही जोड़ों के दर्द और सूजन को गंभीरता से लिया जाए तो इससे काफी हद तक बचा जा सकता है।
दिल्ली के सफदरजंग हास्पिटल की फिजियोथिरेपिस्ट हरमीत बावा के मुताबिक,‘लापरवाही करने से अनावश्यक रूप से ये बीमारी स्थायी तौर पर जड़ जमा लेती है।’ वे आगे कहती हैं, ‘मेरे पास कई ऐसे लोग आते हैं, जो काम के लंबे घंटों की वजह से कोहनी, घुटनों और कंधे के दर्द से परेशान होते हैं।’
तैंतीस साल के निमित ऑफिस में लंबे सामय से एक ही गेस्चर में काम करने के चलते कंधे और पीठ के दर्द से परेशान हैं। वे कहते हैं,‘मेरी अपनी लापरवाही की वजह से ये समस्या आगे बढ़ी। मैं घंटों एक ही तरीके से बैठा रहने को मजबूर था, इसका नतीजा है, जोड़ों का दर्द।’ निमित की ही तरह 57 साल की सरकारी अधिकारी दीपाली खन्ना को पिछले दस सालों से जोड़ों का दर्द है। वह योगा करती थीं,जिम जाती थीं, इसके बावजूद कुछ साल पहले एक दिन उन्हें एहसास हुआ कि उनके जोड़ों में दर्द बढ़ रहा है और तब उन्हें लगा कि उतना करना ही काफी नहीं है और मुझे अपने को लेकर ज्यादा केयरफुल होना चाहिए।
एक कंसल्टिंग फर्म की फाउंडर भारती कहती हैं,‘अगर आप की बोर्ड पर काम करते हैं,जहां आपकी कुहनियों को मुड़ने का मौका नहीं मिलता और आप ऐसी कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, जिससे आपके पैर जमीन तक नहीं पहुंचते तो ये तय है कि कुछ ही समय में आप जोड़ों के दर्द के शिकार बनने वाले हैं।’ उनके मुताबिक, ‘जोड़ों में होने वाला दर्द बाद में कंधे के दर्द और आर्थराइटिस में बदल जाता है।’ अगर आप शरीर के कुछ अंगों को लेकर संवेदनशील हों, तो आप काफी हद तक जोड़ों के दर्द से बच सकते हैं।
कंधेः
मजबूत रबड़ का एक खिंचने वाला बैंड लेकर उसपर खडे हों। उससे बारी-बारी से अपने दोनों हाथों को फैलाकर दस सेकेंड तक एक्सरसाइज करें। इसके बाद हाथों को आगे की तरफ ले जाएं। ऐसा करते समय यह याद रखें कि हाथों को कंधे से ऊपर न ले जाएं। दोनों तरह की एक्सरसाइज रोज कम से कम पांच बार करें।
कुहनियां-
इसी बैंड को दोनों हाथों में लेकर पहले की तरह उन्हें दाएं-बाए और आगे-पीछे खींचे। बारी-बारी से हाथों को ढीला छोड़ें। इसे भी दस सेकेंड तक और दिन में पांच बार करें।
पैर और तलवेः
जमीन पर लेटकर या कुर्सी पर बैठकर बैंड को तलुवे के नीचे दबाकर उसे अपनी ओर खीचे। ऐसा बारी-बारी से दोनों पैरों के साथ दिन में पाचं बार करें।
घुटनेः
किसी सीढ़ी के पास या एक फुट ऊंची जगह पर अपने एक पैर को रखकर घुटने पर दोनों हाथ रखकर झुकें। ऐसा एक-एक कर दोनों पैरों के साथ करें। इसे भी दस सेकेंड तक और पांच बार करें(हिंदुस्तान,दिल्ली,19.10.2010)।
बहुत उपयोगी जानकारी है। धन्यवाद।
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