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वीरासन की विधिः
किसी साफ और समतल स्थान पर पांव को मोड़कर बैठ जाएं। पैर का पंजा उल्टा जमीन पर होगा। एड़ी पर दाहिना नितंब टिक जाएगा। अपने बाएं पैर को भी घुटने से मोड़ें और दाहिने पैर के घुटने के पास जमीन पर रख दें। अब दाहिने हाथ को दाहिने घुटने पर जमा दें, बाएं हाथ की उंगलियां चेहरे को स्पर्श करेंगी। इसी एक दूसरे विधि भी है। उस विधि में दोनों हाथ दाहिने पांव के घुटने पर रहते हैं।
वीरासन के लाभः
इस आसन से शरीर में अद्भुत शक्ति का संचार होता है। साहस और धैर्य में वृद्धि होती है। आलस्य दूर होता है साथ ही अधिक नींद आने की समस्या पर रोक लग जाती है। जंघा और पांव शक्तिशाली बनते हैं। शरीर का भारीपन दूर होता है। योग-साधना में वीरासन का महत्वपूर्ण स्थान है।
(दैनिक भास्कर,उज्जैन,25.10.2010)
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जवाब देंहटाएंvery informative post.
Thanks and regards.
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मुझे तो अनिद्रा की परेशानी है! वैसे यह आसन आसान भी है...
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