मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

भारत में हर दूसरे आदमी को तंबाकू की लत

हिंदुस्तान में लगभग हर दूसरा वयस्क पुरुष बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू के नशे का गुलाम है। महिलाएं भी इस मामले में बहुत पीछे नहीं। वयस्क होने तक देश की 20 फीसदी औरतों को भी किसी न किसी रूप में तंबाकू के नशे की लत लग चुकी होती है। यह जानकारी सामने आई है भारत में तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल पर पहली बार हुए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इस सर्वेक्षण के मुताबिक देश की कुल वयस्क आबादी का 34.6 फीसदी तंबाकू सेवन करती है। इस रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों में कई गंभीर बदलावों की जरूरत बताई है। आजाद आज यह सर्वेक्षण देश के सामने पेश करने वाले हैं। भारत में पहली बार हुए इस व्यापक सर्वेक्षण में सामने आए आंकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं। अंतरराष्ट्रीय वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण, भारत (गेट्स, इंडिया) ने तंबाकू सेवन के लिहाज से लगाए जाने सभी अंदाजों को पीछे छोड़ते हुए बताया है कि देश की 34.6 फीसदी वयस्क आबादी बीड़ी, सिगरेट या तंबाकू की गुलाम है। वयस्क पुरुषों की बात करें तो 47.9 फीसदी को और वयस्क महिलाओं में 20.3 को यह लत है। इनमें बीड़ी-सिगरेट के धुंए का सेवन करने वालों के मुकाबले तंबाकू चबाने वालों की तादाद ज्यादा है। जहां 25.9 फीसदी लोग तंबाकू चबाने का शौक रखते हैं, वहीं 14 फीसदी इसके धुएं के गुलाम हैं। यही सर्वेक्षण बताता है कि तंबाकू का इस्तेमाल करने वालों को सुबह उठते ही इसकी तलब शुरू हो जाती है। तंबाकू उपयोग करने वालों में से 60.2 फीसदी सुबह उठने के आधे घंटे के अंदर ही इसकी पहली खुराक ले चुके होते हैं। तंबाकू के धुएं का नुकसान सिर्फ उन्हीं लोगों को नहीं हो रहा, जो इसका सेवन कर रहे हैं, बल्कि देश में 52.3 फीसदी वयस्क हिंदुस्तानियों को घर पर दूसरे द्वारापी गई बीड़ी-सिगरेट के धुएं का शिकार होना पड़ता है। 15 से 17 साल की उम्र के किशोरों में 9.6 फीसदी को तंबाकू के नशे की लत पाई गई है। इस रिपोर्ट के आने के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री आजाद चाहते हैं कि पूरा मुल्क मिल कर तंबाकू के खिलाफ जंग शुरू कर दे। इस रिपोर्ट में ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिफारिश की है कि तंबाकू की लत को और बढ़ने से रोकने और लोगों को यह आदत छोड़ने में मदद करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही सूचना प्रसारण मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय सहित सभी प्रमुख मंत्रालय सहयोग करें। साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत भी इसके लिए इंतजाम करने की वकालत इसमें की गई है। भारत में तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों से सालाना नौ लाख लोग मारे जाते हैं। टीबी से होने वाली 40 फीसदी मौतें तंबाकू उत्पादों की वजह से ही होती हैं(मुकेश केजरीवाल,दैनिक जागरण,19.10.2010)।

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