पीजीआई की तर्ज पर तैयार किये गए लखनऊ के लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की ओपीडी आज से शुरू हो रही है। यह लखनऊ का दूसरा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल होगा। इसके शुरू हो जाने से सुपर स्पेशियलिटी सेवाओं के लिए पीजीआई पर पड़ने वाला दबाव भी कम हो जाएगा।अब तक यहां एक-दो विभागों की ओपीडी ही अनियोजित तरीके से चल रही थी। संस्थान के निदेशक प्रो. एमसी पन्त के अनुसार, आज से यहां पर न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, गैस्ट्रोमेडिसिन, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी और पेन क्लीनिक की ओपीडी सोमवार से शनिवार तक चलेगी। संस्थान में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउन्ड, टीएमटी, ईसीजी, ईएमजी, ईईजी, होल्टर, पैथालॉजी और दो अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर हैं। अब तक ओपीडी व्यवस्था काफी तितर-बितर थी और इसके लिए पीजीआई के डॉक्टरों को बुलाया जाता था, कई बार समय के चलते वे नहीं आ पाते थे। एक हफ्ते तक यहां मरीजों को इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
सर्जरी के लिए यहां दो मॉड्यूलर ओटी भी शुरू किये गए हैं। आज से यहां 60 बेड की इनडोर व्यवस्था भी की गई है। लोहिया अस्पताल और लोहिया संस्थान के बीच की दीवार तोड़ दी जाएगी। इससे दोनों भवनों के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। लोहिया संस्थान के मरीजों को जरूरत पड़ने पर लोहिया अस्पताल भेजा जाएगा। वहीं अस्पताल के मरीज संस्थान में भी आएंगे। लोहिया संस्थान में चिकित्सा शुल्क लगभग पीजीआई के बराबर होंगे, हालांकि अभी तक शुल्क निर्धारण नहीं हुआ है। शिक्षकों की कमी पूरी होते ही यहां डीएम, एमसीएच, एमडी, एमएस और पीएचडी की पढ़ाइ भी शुरू की जाएगी। बीपीएल कार्ड धारकों का संस्थान में मुफ्त इलाज होगा। एपीएल कार्ड धारक मरीजों को कम से कम दामों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराए जाने की कोशिश हो जाएगी।(दैनिक जागरण व अमर उजाला,लखनऊ,1.10.2010 में प्रकाशित ख़बरों पर आधारित)।
अच्छी खबर!बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंबदलते परिवेश में अनुवादकों की भूमिका, मनोज कुमार,की प्रस्तुति राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
Good info...thanks.
जवाब देंहटाएंअच्छी खबर है । शुभकानाएं ।
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