
सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुकेत कहते हैं कि वे हमेशा मेडिटेशन को बहुत बोरिंग मानते रहे हैं लेकिन जबसे ओशो का डायनेमिक मेडिटेशन किया है, तब से मुझे अच्छा अनुभव हो रहा है। इसमें शरीर को एक विशेष प्रकार से गति दी जाती है, जो मेडिटेशन को बहुत दिलचस्प बनाता है। यह एक प्रकार का नृत्य ही है।
वैसे भी यह कहा जाता है कि तनाव, दबाव तथा अन्य मानसिक समस्याओं में नृत्य एक कारगर विधि सिद्ध होता है। यहां नृत्य व ध्यान का मतलब किसी विशेष प्रकार की मुद्रा से नहीं है बल्कि आप आनंद की अवस्था में आंखें बंद कर शरीर को लय के साथ खुला छोड़ दें, यही असल अर्थ है। यही चीज असल में साधु-संत तथा योगी-फकीर करते हैं। सूफी संतों में भी यह काफी प्रचलित है। इस तरह की ध्यान विधियां एक तरफ तो बहुत आसान हैं तो दूसरी तरफ ये बहुत पुरानी विधियों से ज्यादा कारगर भी हैं। ताई ची ध्यान की एक साधारण विधि है, इसमें शरीर को लगातार एक विशिष्ट तरीके से संचालित किया जाता है और कुछ समय बाद आपका शरीर आपके मस्तिष्क को संचालित करने लगता है और यह बहुत आरामदायक एहसास देता है। ध्यान विशेषज्ञ जाकिर कहते हैं कि लोग आजकल तुरंत तनाव दूर करने के उपाय चाहते हैं। ताई ची उन लोगों के लिए है, जो निःशब्दता और नृत्य दोनों का सामंजस्य चाहते हैं।
बुद्ध के बाद,ध्यान पर सबसे ज्यादा ज़ोर ओशो ने दिया। आर्ट ऑफ लिविंग भी इस तरह की क्रियाएँ करवाता है। इसके विशेषज्ञ कहते हैं कि "आप बाहर से सक्रिय और अंदर से मौन रहते हुए ध्यान कर सकते हैं, इसलिए नृत्य ध्यान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। खासतौर पर युवा नृत्य द्वारा अभिव्यक्त होना पसंद करते हैं।" सूफी संतों में भी यह काफी प्रचलित है। इस तरह की ध्यान विधियां एक तरफ तो बहुत आसान हैं तो दूसरी तरफ ये बहुत पुरानी विधियों से ज्यादा कारगर भी हैं। ताई ची ध्यान की एक साधारण विधि है, इसमें शरीर को लगातार एक विशिष्ट तरीके से संचालित किया जाता है और कुछ समय बाद आपका शरीर आपके मस्तिष्क को संचालित करने लगता है और यह बहुत आरामदायक एहसास देता है। ध्यान विशेषज्ञ जाकिर कहते हैं कि लोग आजकल तुरंत तनाव दूर करने के उपाय चाहते हैं। ताई ची उन लोगों के लिए है, जो निःशब्दता और नृत्य दोनों का सामंजस्य चाहते हैं(सुरीली आजिंक्य,नई दुनिया,दिल्ली,23.9.2010)।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .......
जवाब देंहटाएं(क्या अब भी जिन्न - भुत प्रेतों में विश्वास करते है ?)
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