मुहांसे करें दूर संतरे के छिलकों को छाया में सुखाकर बनाया गया बारिक चूर्ण और बराबर मात्र में बेसन (अथवा बारीक पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी दुगुनी) मिलाकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को पन्द्रह मिनट पानी में भिगोने के बाद गाढ़ा घोल बना लें और इसका मुंहासों पर लेप करें। दस मिनट लगा रहने के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लिया जाए तो इसी प्रक्रिया को सप्ताह भर के प्रयोग करने से मुंहासे नष्ट हो जाएंगे।
इन्हीं संतरों के छिलकों का महीन चूर्ण को गुलाब जल में मिलाकर बनाये गये घोल का लेप करने से चेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं तथा चेचक के दाग भी हल्के पड़ते हैं। शीघ्र लाभ प्राप्त करने के लिए इस प्रयोग के साथ-साथ त्रिफला-चूर्ण दो ग्राम की मात्रा से गर्म पानी से रात में सोते समय लेते रहें। पांच मुनक्का पानी से धोकर साफ कर लें और रात को पानी में भिगो दें। प्रात: बीज निकालकर खा लें और बचे पानी में थोड़ी मिश्री या शक्कर मिला कर या वैसे ही पी लें। एक मास तक सेवन से मुंहासे ठीक होंगे तथा खून साफ होगा।
सेब खाएं सेहत बनाएं आजकल सेब सस्ता है। दो पके मीठे सेब बिना छीले प्रात: खाली पेट चबा-चबाकर खाने से तंदुरुस्ती बनी रहती है। जिन व्यक्तियों के मस्तिष्क दुर्बल हो गये हों और जिन विद्यार्थियों को पाठ याद नहीं रहता हो तो इसके सेवन से थोड़े ही दिनों में दिमाग की कमजोरी दूर होती है और स्मरण शक्ति बढ़ जाती है। साथ ही दुर्बल मस्तिष्क के कारण सर्दी-जुकाम बना रहता हो, वह भी मिट जाता है। कहावत है -‘एक सेब रोज खाइए, वैद्य-डॉक्टर से छुटकारा पाइए।’
एलर्जी से पाएं छुटकारा एलर्जी आजकल आम है। इससे बचने के लिए इन घरेलू नुस्खे को आजमाया जा सकता है:
कैस्टर ऑयल : फल या सब्जी के जूस में 5 बूंद कैस्टर अयल डालकर सुबह खाली पेट पिएं। चाहें, तो फल व सब्जी के जूस के अलावा पानी भी ले सकते हैं। इससे आप आंतों, स्किन और नाक की एलर्जी से छुटकारा पा सकते हैं।
नींबू : आधे नींबू का रस और एक चम्मच शहद को एक गिलास गर्म पानी में मिला दें। इसे आप रोजाना सुबह कई महीनों तक पिएं। इससे एलर्जी से राहत मिलती है।
केला : एक या दो केले रोज खाएं। अकसर लोगों को विशेष खाना खाने से स्किन रैशेज और अस्थमा हो जाता है। इससे बचने का तरीका है कि आप रोजाना दो केले जरूर खाएं।
वेजिटेबल जूस : 500 मिलीलीटर गाजर का जूस लें। मिक्स जूस भी ले सकते हैं, जिसमें खीरे का 100 मिलीलीटर जूस, चुकंदर का 100 मिलीलीटर जूस और 300 मिलीलीटर गाजर का जूस लें। इन्हें मिक्स करके रोजाना एक बार लें।
राइनाइटिस एलर्जी का उपचार : क्या आपकी नाक अकसर बहती है या छींक पर छींक आती रहती हैं? आँखों से आँसू बहने लगते हैं और गले में खराश हो जाती है? इन सवालों का जवाब हाँ है, तो आप राइनाइटिस एलर्जी के शिकार हैं। एलोपेथी में इसकी रोकथाम के उपाय हैं, लेकिन जड़ से सही करने का इलाज नहीं है। इसमें आयुर्वेदिक उपचार कारगर है। इसके लिए कुछ बातों पर ध्यान दें:
- ब्राह्मा रसायन का सेवन करें। - अणु तैल की दो-दो बूंदों से दिन में दो बार नस्य-क्रिया करें। - रात को देर तक न जागें और सुबह जल्दी उठें। - कफ-वर्धक पदार्थों के सेवन से दूर रहें।
हेल्थ टिप्स उठने-बैठने का सही सलीका आपके उठने-बैठने का सलीका जिसे पॉस्चर भी कहा जाता है, अगर सही होगा तो आप बिना थकावट महसूस किए लंबे समय तक काम कर सकते हैं क्योंकि तब आपकी मांसपेशियां ज्यादा प्रभावी तरीके से काम करती हैं। अपने शरीर का सलीका सुधारने का प्रयास क्यों किया जाना चाहिए?
- ढीले-ढाले पॉस्चर का परिणाम होता है गर्दन में अकड़न, कंधे आगे की तरफ झुके हुए या पीछे की तरफ खिंचे हुए, कमजोर पीठ और हांफते हुए सांस लेना। - झुककर बैठने या चलने से आप अपने कद से कम दिखाई देते हैं। - अच्छे पॉस्चर से आप अपने कद में दो-चार इंच बढ़ा सकते हैं।
कैसा हो आपका पॉस्चर? सही तरीके के रिलेक्स पॉस्चर में आपकी गर्दन, कंधा, घुटने और ऐड़ियां एक सीध में होनी चाहिए। सही पॉस्चर में आपकी रीढ़ की हड्डी में तीन प्राकृतिक कर्व आते हैं और आपके शरीर का वजन समान रूप से उठाते हैं। पॉस्चर सुधारने के उपाय : वज़न पर नजर रखें वज़न पर नज़र रखना बहुत जरूरी है। ज्यादा वज़न होने से रीढ़ की हड्डी पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और इससे पॉस्चर बिगड़ सकता है।
सही हो बिस्तर - बिस्तर उतना सख्त हो, जिससे सोते समय आपकी रीढ़ को सपोर्ट मिल सके। - अपने कार्यस्थल का मुआयना करें - ऐसी कुर्सी पर बैठें जो आपकी रीढ़ के निचले हिस्से को सपोर्ट करे। सीट की ऊंचाई इतनी हो कि आपके पैर आसानी से फर्श पर टिक सकें। - कंप्यूटर की स्क्रीन आपकी आँख के लेवल पर हो जिससे आपकी पीठ और गर्दन पर जोर न पड़े।
जूते वही पहनें, जो पैरों को आराम दें ज्यादा ऊंची हील वाले जूतों के ज्यादा देर प्रयोग से शरीर की ग्रेविटी का सेंटर गड़बड़ा सकता है, जिससे घुटनों और रीढ़ पर दबाव पड़ सकता है। केवल वही जूते पहनें, जो आपके पैरों को आराम दें और उन्हें सपोर्ट करें।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें - तनाव मिटाने के लिए नियमित एक्सरसाइज करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती है, जबकि सुस्त रहने से उनमें कमजोरी आ जाती है। जोड़ों में अकड़न और दर्द का सामान्य रूप से अर्थ यही होता है कि शरीर मजबूत नहीं है और नरम है।
ब्रेक लें - जब आप बेहतर पॉस्चर मेंटेन कर रहे हों तो हो सकता है बैठे रहने या खड़े रहने से मांसपेशियों में थकान हो सकती है। थोड़ा जल्दी-जल्दी ब्रेक लें और हर एक-दो घंटे में थोड़ा टहल लें या स्ट्रेचिंग करें(हिंदुस्तान,दिल्ली,31.8.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
एक से अधिक ब्लॉगों के स्वामी कृपया अपनी नई पोस्ट का लिंक छोड़ें।