दून अस्पताल में पुराने प्लेटलेट्स सेपरेटर के स्थान पर नया प्लेटलेट्स सेपरेटर लगाया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई शुरू हो गई है। दरअसल, डेंगू के लिहाज से प्लेटलेट्स सेपरेटर का अपना महत्व है। दून अस्पताल के ब्लड बैंक में लगी प्लेटलेट्स सेपरेटर मशीन लगभग एक सप्ताह से खराब पड़ी है। बीते रोज मीडिया में इस मशीन के खराब होने संबंधी खबरें आई तो उत्तरांचल एड्स कंट्रोल सोसाइटी (यूसैक्स) हरकत में आई। संयुक्त निदेशक डॉ.मीनाक्षी उनियाल के अनुसार मामला उनके संज्ञान में है। इसी क्रम में गत दिनों नए प्लेटलेट्स खरीदने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। बहुत संभव है कि आगामी दस बारह दिन में नई प्लेटलेट्स सेपरेटर मशीन दून चिकित्सालय में उपलब्ध करा दी जाए। उनके मुताबिक फिलहाल दून अस्पताल से कहा गया है कि यदि प्लेटलेट्स सेपरेट करने के बाद उसकी स्टोरेज में कोई दिक्कत आ रही है तो इसमें आईएमए ब्लड बैंक का भी सहयोग लिया जा सकता है। बता दें कि अस्पताल में अभी रोजाना के लिहाज से तो प्लेटलेट्स बनाने का काम चल रहा है, लेकिन इसकी स्टोरेज में परेशानी आ रही है। अस्पतालों को रखना होगा रेकॉर्ड सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों को ओपीडी में आने वाले मरीजों का पूरा-पूरा ब्योरा रखना होगा। जिला मलेरिया अधिकारी जगदीश प्रसाद बहुगुणा के मुताबिक सभी अस्पतालों को पत्र जारी कर निर्देशित किया गया है कि यदि डेंगू या मलेरिया का संभावित मरीज आता है तो उसका पूरा ब्योरा यानी आवासीय पते के अलावा वह कहां से आया, इलाके में किसी और की तबीयत तो खराब नहीं, इस सब का रेकॉर्ड रखा जाए। काबिलेगौर है कि दैनिक जागरण ने गुरुवार को डेंगू संबंधी समाचार में इस लापरवाही को उजागर किया था, जिसके बाद हरकत में आते हुए विभाग ने यह कदम उठाया है(दैनिक जागरण,देहरादून,10.9.2010)
वाह !
जवाब देंहटाएंजान कर ख़ुशी हुई !
जवाब देंहटाएंGood news !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी।
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार को तीज, गणेश चतुर्थी और ईद की हार्दिक शुभकामनाएं!
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