*प्रस्तावित विधेयक में आईसीएमआर विशेषज्ञों ने दिया अविवाहित महिलाओं को भी अधिकार
*विधेयक अभी संसद में पेश होने हैं पर नियमों में बदलाव कर स्वास्थ्य मंत्रालय ने लगाई रोक
*वैसे, विधेयक को तैयार करने वाले आईसीएमआर के वैज्ञानिक पूरी तरह से भ्रमित रहे हैं
कृत्रिम प्रजनन तकनीकों से अविवाहित महिलाओं को बच्चे पैदा करने का कानूनी अधिकार होना चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के बीच विवाद पैदा हो गया है । कृत्रिम प्रजनन तकनीकों को लेकर विधेयक अभी संसद में पेश होना है जबकि इनके नियमन के लिए दिशा-निर्देश लागू हैं। इन दिशानिर्देशों में संशोधन करते हु ए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कृत्रिम प्रजनन तकनीकों से अविवाहित महिलाओं के बच्चे पैदा करने पर रोक लगा दी है , जबकि प्रस्तावित विधेयक में इसकी अनुमति दी गई है ।
कृत्रिम प्रजनन तकनीकों को लेकर जारी दिशा-निर्देश में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके उप प्रावधान 3-16-4 को खत्म क रने के लिए सूचना जारी की है। इस उप-प्रावधान में अविवाहित महिला को कृत्रिम निषेचन से बच्चे पैदा करने का अधिकार दिया गया था। यह दिशानिर्देश भी आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने ही तैयार की थी। लेकिन अविवाहित महिलाओं को यह अधिकार दिए जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय सहमत नहीं है । एक उच्च अधिकारी ने कहा कि वैज्ञानिकों ने भारतीय परंपरा का ध्यान इसमें नहीं रखा। इसीलिए, अंतत: इस प्रावधान को खत्म करना पड़ा। कृत्रिम प्रजनन तकनीक नियमन विधेयक -2010 के भाग ‘जनरल ड्यूटी ऑफ एआरटी क्लिनिक्स’ के उपभाग 7 में स्पष्ट तौर पर यह प्रावधान किया गया है कि क्लीनिक विवाहित जोड़ों व एकल महिला, पुरुष को यह तकनीक उपलब्ध कराएं। इसी प्रकार, विधेयक में किसी महिला या पुरुष को किराए की कोख के जरिये बच्चा हासिल करने की छूट दी गई है (मदन जैड़ा,हिंदुस्तान,दिल्ली,2.9.2010)।
सही हुआ!
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंइस जानकारी से अवगत हुआ।
जवाब देंहटाएंआपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को श्री कृष्ण जन्म की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!