हार्ट अटैक से दुनिया में हर साल होने वाली मौतों का कारण तलाशने के लिए शोध में जुटी सोनीपत की बेटी डॉ. कृष्णा सिंह ने उम्मीद की नई किरण दिखाई है।
हार्ट फेल होने के पीछे कारण और मौत के लिए जिम्मेदार सेलुलर गतिविधियों पर अध्ययन कर रही कृष्णा ने उन कोशिकाओं को खोज निकाला है, जो हार्ट अटैक के दौरान मौत के लिए जिम्मेदार बनती हैं। शोध में सफलता को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने उन्हें बधाई दी और इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए दस लाख डॉलर (करीब 4.64 करोड़) देने की घोषणा की। इस नए शोध में वह दो अन्य डॉक्टरों की टीम के साथ कार्य करेंगी।
सोनीपत के भटगांव की मूल निवासी कृष्णा सिंह अमेरिका के ईस्ट टेनिसी स्टेट यूनिवर्सिटी कालेज आफ मेडिसन एंड वैटरनेस अफेयर्स मेडिकल सेंटर माउंटेन होम में प्रोफेसर हैं। 1988 में पीएचडी करने के बाद कृष्णा ने 1995 में बोस्टन मेडिकल सेंटर में शोध कार्य शुरू किया। 2005 में वे अमेरिका के प्रमुख हृदय रोग संस्थान ईटीएसयू से जुड़ीं। यहां उन्होंने हार्ट अटैक के दौरान होने वाली गतिविधि और उसके लिए जिम्मेदार कोशिकाओं पर शोध शुरू की। अमेरिका सरकार ने इनके शुरुआती प्रयासों को सराहते हुए इन्हें 376 हजार डॉलर की ग्रांट मुहैया कराई थी। इसके बाद कृष्णा पिछले पांच वर्षो से इसी विषय पर काम कर रही थीं।
अमेरिकी अखबारों में छाई हरियाणा की बेटी
हार्ट अटैक के जिम्मेदार सेल्स की पहचान करने और शोध को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा एक मिलियन डॉलर की ग्रांट देने पर अमेरिका के समाचार पत्रों ने कृष्णा सिंह को अपने प्रथम पन्नों पर स्थान दिया। अमेरिका के डेली जॉनसन सिटी प्रेस समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में कृष्णा सिंह को बधाई देते हुए इस शोध को दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है(राकेश गौतम,दैनिक भास्कर,सोनीपत,1.8.2010)।
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