प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थो को लेक र देश में पहली बार हुए बड़े क्लिनिकल ट्रायल में ,इन्हें डायरिया कम करने में कारगर पाया गया है। यह शोध इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कालरा एंड एंटेरिक डिजीज द्वारा किया गया है । शोध के आंकड़ों को साइंस जर्नल एपिडेमियोलॉजी एंड इंफेक्शन के ताजा अंक में प्रकाशित किया गया है । इंस्टीट्यूट के निदेशक जीबी नायर ने बताया कि इस शोध में कोलकात्ता के झुग्गी इलाके में एक से पांच साल की उम्र के चार हजार बच्चों पर प्रो-बायोटिक पेय पदार्थ का परीक्षण किया गया। इन बच्चों को दो-दो हजार के दो समूहों में बांटा गया। तीन महीने तक एक समूह को सामान्य पोषण पेय तथा दूसरे समूह को प्रोबायोटिक पेय दिया गया। इन्हें प्रतिदिन तीन माह तक 67 मिली. की प्रो-बायोटिक खुराक दी गई जिसमें 6.7 अरब प्रोबायोटिक माइक्रोआर्गनिज्म होते हैं । तीन महीने के परीक्षण पूरे होने के बाद अगले तीन महीने तक इनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी गई। इस अवधि में प्रो-बायोटिक पेय ले रहे दो हजार बच्चों में से 608 को डायरिया संक्रमण हुआ।जबकि दूसरे समूह के 674 बच्चों को डायरिया हुआ। इस प्रकार प्रोबायोटिक लेने वाले बच्चों में इसके संक्रमण की दर करीब 14 फीसदी कम रही(हिंदुस्तान,दिल्ली,21.8.2010)।
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