बुधवार, 25 अगस्त 2010

झारखंडःबेटियों को जन्म लेने से रोक रहे हैं डॉक्टर

रांची में बेटा पैदा कराने का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. इसके लिए आइवीएफ तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. 70 हजार से एक लाख रुपये तक लिये जा रहे हैं. ऐसा करनेवाले डॉक्टर गर्भधारण के छह से सात सप्ताह के बाद टेस्ट भी कराते हैं. इसके लिए गर्भाशय से पानी निकाला जाता है. जांच के बाद डॉक्टर पक्के तौर पर बता देते हैं कि गर्भ में लड़का है. डॉक्टर का दावा : इस तकनीक से गर्भधारण करानेवाले रांची के एक डॉक्टर का दावा है शर्तिया बेटा पैदा करा सकता हूं. वह बताते हैं पुरुषों में एक्स और वाई क्रोमोजोम्स होते हैं. महिलाओं में केवल एक्स क्रोमोजोम होता है. एक्स और एक्स क्रोमोजोम्स के निषेचन से लड़की का जन्म होता है. वाई और एक्स क्रोमोजोम्स के निषेचन से लड़का पैदा होता है. वाई क्रोमोजोम हलका होता है. शुक्राणु को संरक्षित करने के लिए कैमिकल में डालने पर यह तैरने लगता है, जबकि एक्स क्रोमोजोम भारी होने की वजह से नीचे बैठ जाता है. इस तरह वाई क्रोमोजोम को अलग कर एक्स क्रोमोजोम के साथ निषेचन कराया जाता है. भ्रूण हत्या से इनकार डॉक्टर का दावा है इस विधि से लड़की के जन्म लेने का कोई चांस नहीं है. भ्रूण हत्या जैसी किसी बात से भी वह इनकार करते हैं, कहते हैं शुरू में ही पुरुष के शुक्राणु से केवल वाई क्रोमोजोम ही अलग किया जाता है. एक्स और वाई क्रोमोजोम मिल कर लड़के का ही भ्रूण तैयार करते हैं. इस काम में काफी सावधानी बरती जाती है. इसलिए लड़की के जन्म लेने की संभावना बिल्कुल नहीं होती. केस स्टडी राजेश और मीरा साहू की शादी के 13 साल हो गये थे. तीन बेटियां थी. बेटे की चाह थी. इस दंपती ने देश भर के मंदिरों में मत्था टेका. कई डॉक्टरों से भी मिले. पर कोई फायदा नहीं हुआ. पिछले साल उनके एक दोस्त ने बताया कि आइवीएफ तकनीक के इस्तेमाल से डॉक्टर बेटे का जन्म करा रहे हैं. साहू दंपती ने रांची आकर डॉक्टर से मुलाकात की. भरोसा दिलाने पर इलाज शु करवाया. डॉक्टरों ने तीन महीने तक इलाज करने के बाद मीरा साहू को कृत्रिम गर्भधारण कराया. आज मीरा साहू गर्भवती हैं. छह माह हो गये. अल्ट्रासाउंड से यह साफ हो चुका है कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का ही है(प्रभात खबर डॉट कॉम,रांची,25.8.2010).

2 टिप्‍पणियां:

  1. प्रकृति से इतना अधिक छेडछाड का परिणाम शायद इन्‍हें नहीं मालूम है !!

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  2. बहुत खतरनाक और अफसोसजनक......

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